- विधायक मर्डर केस में चार दिन बाद होनी थी अजीत की गवाही

- शार्प शूटर से शराब कारोबार और फिर राजनीति का तय किया था सफर

LUCKNOW : मुहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह और माफिया ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह कभी दोस्त थे। एक साथ मिलकर काम करते थे। पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या के बाद दोनों में दोस्ती का रिश्ता टूट गया और दोनों दुश्मन बन गए। सीपू सिंह की हत्या कुंटू ने अपने शूटरों से कराई थी। अजीत सीपू सिंह के रिश्तेदार होने के साथ-साथ उनका करीबी भी था। यहीं नहीं उस मर्डर केस में गवाह भी था, जिसके चलते दोनों के संबंध खराब होते गए और वह दुश्मन बन गए।

टॉप टेन माफिया में शामिल है कुंटू सिंह

पूर्व विधायक सीपू सिंह की हत्या की वजह मऊ की एक जमीन थी। उस जमीन को कुंटू सिंह लेना चाहता था, लेकिन सीपू सिंह ने वह जमीन ले ली। इसके बाद कुंटू ने सीपू सिंह की हत्या करवा दी। हालांकि कुंटू सिंह वर्तमान में आजमगढ़ जेल में बंद है। कुंटू सिंह को यूपी पुलिस ने सूबे की टॉप टेन माफिया की सूची में शामिल किया है। मामले में पूर्व विधायक के भाई टीपू सिंह की गवाही चल रही है। ऐसे में अजीत की हत्या की भनक लगते ही पूर्व विधायक के परिवार के लोग सहम उठे। अजीत भी मामले में मुख्य गवाह था। सीपू सिंह की पत्‍‌नी एवं सगड़ी विधानसभा क्षेत्र से बसपा की विधायक वंदना सिंह ने सीएम से सुरक्षा को लेकर मुलाकात करने की बात कही है।

मुख्तार के करीबियों की सूची में था नाम

अजीत सिंह का नाम मुख्तार अंसारी के करीबियों की सूची में शामिल था। हाल में ही पुलिस की ओर से जारी की गई लिस्ट में भी अजीत का नाम दर्ज था। पूरी वारदात के पीछे कई सफेदपोशों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। माफिया के अलग अलग गिरोह सक्रिय हो गए हैं। माना जा रहा है कि गैंगवार के बाद माफिया गिरोह का आमना सामना हो सकता है।

शूटर से राजनीति तक का सफर

मऊ के ग्राम देवसीपुर निवासी राधेश्याम सिंह का बेटा अजीत हिस्ट्रीशीटर था। क्षेत्र पंचायत की राजनीति हो या फिर शराब का व्यवसाय। इलाके में कोई भी उसके खिलाफ नहीं जाता था। वर्ष 2005 मे क्षेत्र पंचायत की राजनीति में पदार्पण किया था। वर्ष 2010 में इसने पत्‍‌नी रानू सिंह को ब्लॉक प्रमुख बनवाया। प्रमुख सीट आरक्षित होने पर इसने अपने घरेलू कर्मचारी मनभावती राजभर को 2015 में मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक प्रमुख के पद पर निर्विरोध निर्वाचित कराया। तब से वह ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बनकर सारा काम संभाल रहा था।

छात्रसंघ चुनाव में दर्ज हुआ था पहला केस

अजीत पर मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली में हत्या, लूट, छिनैती व मारपीट के दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अजीत पर वर्ष 2003 में राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में विवाद के कारण पहली एफआईआर दर्ज हुई थी