- ऑनलाइन हास्टल मैनेजमेंट सिस्टम का साफ्टवेयर तैयार

- 31 जुलाई तक पूरा हो जाएगा हॉस्टल्स की रिपेयरिंग का काम

LUCKNOW:

लखनऊ विश्वविद्यालय में नए सत्र से छात्रावासों के लिए विद्यार्थियों को आवेदन से लेकर फीस जमा करने तक दौड़भाग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस बार छात्रावासों का आवंटन आनलाइन होगा। इसके लिए विश्वविद्यालय ने आनलाइन हास्टल मैनेजमेंट सिस्टम का साफ्टवेयर तैयार कर लिया है। वहीं, छात्रावासों में चल रहा निर्माण कार्य भी 31 जुलाई तक पूरा हो जाएगा। जिसके बाद आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी।

जल्द काम पूरा कराने के निर्देश

एलयू के पुराने और नए परिसर में कुल 17 छात्रावास हैं। इनमें करीब 2200 विद्यार्थियों के रहने की क्षमता है। कोविड-19 और कई छात्रावासों में मरम्मत की वजह से पिछले साल करीब आधे छात्र-छात्राओं को ही इसका आवंटन किया गया था। सोमवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभाकक्ष में छात्रावासों के मरम्मत एवं जीर्णोद्धार की समीक्षा बैठक बुलाई गई। इसमें राजकीय कार्यदायी संस्था उप्र आवास एवं विकास परिषद, निर्माण एवं परिकल्प सेवायें, उप्र जल निगम तथा उप्र राजकीय निर्माण निगम के प्रतिनिधि शामिल हुए। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डा। दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यदायी संस्थाओं ने 31 जुलाई तक स्वर्ण जयंती छात्रावास के प्रथम तल, बीरबल साहनी छात्रावास, कैलाश छात्रावास के न्यू ब्लाक, पीजी ब्लाक तथा कस्तूरबा ब्लाक का कार्य पूरा कर आवंटन के लिए उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

विदेशी छात्रों के लिए एएनडी छात्रावास

डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो। पूनम टंडन ने बताया कि लड़कियों के सभी छात्रावास में सेनेटरी नैपकिन मशीन लगेंगी। इसका आर्डर दिया जा चुका है। इसके अलावा सभी छात्रावासों में वाटर कूलर भी आ चुके हैं। विदेशी छात्र-छात्राओं को आचार्य नरेंद्र देव (एएनडी) छात्रावास आवंटित किया जाएगा। अभी तक ये विद्यार्थी बलरामपुर हास्टल में रह रहे थे। इसके अलावा इस साल पीएचडी के छात्रों को बीरबल साहनी और छात्राओं को गोल्डन जुबली हास्टल आवंटित होगा।