लखनऊ (ब्यूरो)। माध्यमिक स्कूलों में शनिवार से नया सत्र शुरू हो रहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस बाबत शैक्षिक कैलेंडर भी जारी कर दिया है, लेकिन किताबों का अभी तक कुछ अता पता नहीं है। किस प्रकाशक की किताबें चलेंगी, स्कूलों को भी इसका अंदाजा नहीं है। ऐसे में, हर साल की तरह शिक्षक अपने स्तर से पुरानी किताबें अरेंज कर बच्चों का नया सेशन स्टार्ट कराएंगे।

शिक्षकों की किताबों से चलेगा काम

अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल एसएल मिश्र ने बताया कि नए सत्र में शिक्षकों ने पुराने बच्चों से किताबें ले ली हैं। इन किताबों से ही वे फिलहाल बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके अलावा बच्चों ने भी आपस में किताबें ले ली हैं। जब प्रकाशकों को लेकर कोई आदेश आएगा, तो स्टूडेंट्स को किताबें लेने के निर्देश दे दिए जाएंगे।

बच्चे आपस में कर रहे अरेंज

राजकीय हुसैनाबाद इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल जयशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार से नया सेशन शुरू हो रहा है। ऐसे में हम लोगों ने स्टूडेंट्स से आपस में बुक अरेंज करने को बोला है। जो बच्चे 10वीं पास कर चुके हैं वे 9वीं के उन बच्चों को किताबें दे रहे हैं, जो 10वीं में गए हैं। कमोबेश यही स्थिति दूसरे क्लास में भी है।

बीते साल मिड सेशन आया था आदेश

बीते साल नया सत्र 25 अप्रैल से शुरू हुआ था। सत्र शुरू होते ही बच्चों ने मार्केट से किताबें खरीद ली थीं। ज्यादातर स्कूलों में किताबें खरीदने और आधी पढ़ाई होने के बाद मिड सेशन में शासन से किताबों को लेकर आदेश जारी हुआ था और स्कूलों को सख्त निर्देश दिए गए थे कि स्कूलों में उन्हीं प्रकाशकों की किताबें चलेंगी, जिनको शासन से ऑथराइज किया है। इस आदेश के बाद बच्चों को दोबारा किताबें खरीदनी पड़ी थीं, जिससे अभिभावकों को परेशानी हुई थी।

जब सत्र एक अप्रैल से शुरू होता है तो किताबों का टेंडर और ऑथराइज्ड प्रकाशकों की ओर से किताबें मार्च में ही बाजारों में उपलब्ध हो जानी चाहिए। पर हर बार स्कूलों और पेरेंट्स को ऐसी परेशानी से दो चार होना पड़ता है।

-डॉ। आरपी सिंह, प्रदेशीय मंत्री, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ