लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में एक तरफ जहां तेजी से अंडरग्राउंड वॉटर लेवल गिर रहा है, वहीं दूसरी तरफ घरों के अंदर जमकर पानी की बर्बादी भी हो रही है। अगर यह बर्बादी रुक जाए तो राजधानी में बने छह लाख घरों के हिसाब से हर महीने 60 करोड़ लीटर पानी की बचत की जा सकती है। जल संरक्षण को लेकर काम करने वाली शुभ संस्कार समिति की महामंत्री रिद्धि किशोर गौड़ ने शहर में होने वाली पानी की बर्बादी को लेकर जो आंकड़े शेयर किए हैं, वे चौंकाने और चिंता बढ़ाने वाले हैं

इस तरह दूर होना था पेयजल संकट

वार्डों में पेयजल संकट दूर करने के लिए कई बिंदुओं पर बजट की व्यवस्था की गई थी और इसको लेकर कई कदम भी उठाए गए थे।

- 6 करोड़ खर्च नए मोटर पंपों पर

- 9.5 करोड़ खर्च मिनी नलकूप पर

- 2 करोड़ से सबमर्सिबल रिपेयरिंग

- 4 करोड़ से पेयजल लाइन रिपेयरिंग

ऐसे होती है पानी की बर्बादी

1-आरओ से बर्बादी-आजकल ज्यादातर घरों में आरओ सिस्टम लगा हुआ है। अगर आप इससे एक गिलास शुद्ध पानी निकालते हैैं तो आप अंजाने में दो गिलास पानी फिल्टरेशन की प्रक्रिया में बर्बाद कर देते हैैं। अगर आपके घर के एक सदस्य ने दिन भर में 10 गिलास पानी निकाला तो 20 गिलास पानी बर्बाद हुआ। अगर एक गिलास में 200 एमएल पानी आता है तो 20 गिलास को जोड़ें तो 4000 एमएल यानि चार लीटर पानी बर्बाद हुआ। घर में दो या तीन सदस्य हैैं तो करीब आठ लीटर पानी बर्बाद हुआ।

2-फ्लशिंग सिस्टम-वर्तमान समय में ज्यादातर घरों के वॉशरूम में फ्लशिंग सिस्टम एडॉप्ट किया जा चुका है। फ्लशिंग सिस्टम एक वॉटर टैैंक से कनेक्ट होता है। जब आप फ्लश करते हैैं तो उसी टैैंक से पानी निकलता है। अमूमन इस टैैंक में 8 से 10 लीटर पानी आता है। एक बार फ्लश करने पर इतना ही पानी बर्बाद होता है, जबकि इस पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। अगर घर में दो सदस्य हैैं तो 16 लीटर पानी की बर्बादी प्रतिदिन होती है।

3-प्री बॉथ वेस्टेज-लोग नहाने जाने से पहले शेविंग, ब्रश वगैरह करते हैं। इस दौरान करीब 20 फीसदी लोग नल ऑन ही रखते हैैं, जिसकी वजह से एक से दो लीटर पानी रोज बर्बाद हो जाता है।

4-शावर से बर्बादी-बहुत से लोग शावर ऑन करके नहाना बेहद पसंद करते हैं, जबकि हम यह नहीं जानते हैैं कि बाल्टी में पानी भरकर नहाने के मुकाबले शावर से नहाने में पानी अधिक बर्बाद होता है। शावर बाथ लेने वाले तीन से चार लीटर तक ज्यादा पानी की बर्बादी करते हैैं।

5-बर्तन, कपड़े धोने में-बर्तन और कपड़े धोने में भी काफी पानी बर्बाद किया जाता है। जब बर्तनों या कपड़ों को नल के नीचे तेज धार में धोया जाता है तो 10 से 15 मिनट के अंदर तीन से चार लीटर तक पानी बर्बाद हो जाता है।

यहां भी खुलकर पानी की बर्बादी

1-इस समय राजधानी में जगह-जगह व्हीकल वाशिंग सेंटर्स खुले हुए हैैं। इन वाशिंग सेंटर्स में पानी की खूब बर्बादी होती है। इसका कोई स्पष्ट आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन इतना साफ है कि एक कार धोने में दो से तीन लीटर पानी की बर्बादी होती है।

2-आधा गिलास बर्बाद-हम अगर किसी रेस्टोरेंट या होटल में फैमिली के साथ या अकेले लंच या डिनर करने जाते हैैं तो अक्सर एक गिलास पानी में आधा गिलास पानी छोड़ देते हैैं, इसे भी पानी बर्बादी माना जाता है। मतलब हम रेस्टोरेंट या होटल में टाइम स्पेंड करने के दौरान 200 से 250 एमएल पानी बर्बाद कर देते हैैं।

मैैं पिछले 22 वर्षों से जल संरक्षण की दिशा में काम कर रहा हूं। इस दौरान मैैंने कई ऐसे कारणों पर काम किया है, जिनकी वजह से घरों के अंदर पानी की बर्बादी होती है। हैरानी की बात तो यह है कि पब्लिक को इसकी जानकारी भी नहीं है। एक अनुमान माने तो हर घर में 30 से 35 लीटर पानी डेली बर्बाद होता है।

-रिद्धि किशोर गौड़, महामंत्री, शुभ संस्कार समिति