घोटालों में नाम आने पर भी उठाए सवाल, ज्यादा उम्र पर किया तंज

कांग्रेस पर हमलावर हुई बसपा सुप्रीमो, राजबब्बर को भी लपेटा

LUCKNOW: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कई दलों में चक्कर काटने वाले राजबब्बर और वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता व दिल्ली में भ्रष्टाचार के अनेकों मामलों की जांच का सामना कर रहीं शीला दीक्षित के यूपी आने से सर्वसमाज के लोगों खासकर ब्राह्मण समाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना वास्तव में ब्राह्मण समाज की आंखों में धूल झोंकने जैसा है, क्योंकि कांग्रेस का सत्ता में आना नामुमकिन है। ये वहीं शीला दीक्षित हैं जिन्होंने दिल्ली में विकास के नाम पर दलितों, गरीबों व पिछड़ों के कल्याण के बजट को गैरजरूरी कामों में खर्च किया था।

राजबब्बर को लाना दिवालियेपन की निशानी

मायावती ने कहा कि राज बब्बर को यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाना वास्तव में कांग्रेस के दिवालियेपन को दर्शाता है। कहा क्रि पिछले कई वर्षो से ब्राह्मण समाज उपेक्षा व तिरस्कार का शिकार रहा है। चाहे कांग्रेस हो, भाजपा या फिर समाजवादी पार्टी, सभी ने ब्राह्मण समाज के लोगों की लगातार उपेक्षा की। ऐसे विकट समय में बसपा ही एकमात्र पार्टी है, जिसने अपरकास्ट समाज खासकर ब्राह्मण समाज के लोगों को पार्टी संगठन व सरकार बनने पर भी भरपूर आदर-सम्मान दिया और चुनाव मैदान में भी बड़ी संख्या में उतारा। सूबे का ब्राह्मण समाज भी बसपा पर ही भरोसा करता है। ब्राह्मण समाज का भी हित बसपा में ही सुरक्षित है। शीला दीक्षित पर कामनवेल्थ गेम में भ्रष्टाचार के कई मामले लंबित हैं। अभी हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर खरीद घोटाले के मामले में एसीबी ने उन्हें समन जारी कर पेशी पर बुलाया है। ऐसे नेतृत्व से यूपी की आम जनता का क्या भला होने वाला है, यह सोचने वाली बात है। कहा कि दोनों नेताओं को यूपी में लाना अंधेरे में तीर चलाने जैसा है, जिसका चूकना तय है।

गुजरात की घटना की निंदा की

मायावती ने गुजरात के ऊना जिले में 'गोरक्षा' के नाम पर दलित समाज के लोगों के साथ हुई अमानवीय व्यवहार की घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से बसपा का यह आरोप सही साबित होता है कि केन्द्र में भाजपा सरकार बनने के बाद दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव हो रहा है। झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र व हरियाणा आदि में लगातार ऐसी घटनाएं हो रही है। इनमें लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होना भी चिंताजनक है। मध्य प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखकर इन मामलों को लेकर आपत्ति जताई है। अब उन्हें प्रताडि़त करने की तैयारी है, जैसा कि हैदराबाद के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमूला के साथ किया गया था।