- प्रशिक्षकों की कमी, ट्रेनिंग सेंटर और इक्यूपमेंट की व्यवस्था ना होने से खिलाडि़यों ने किया किनारा

- केडी सिंह बाबू स्टेडियम में बना वेटलिफ्टिंग सेंटर बदहाल, प्लेटफार्म पड़े हैं टूटे

LUCKNOW: जिस खेल में कभी राजधानी के खिलाडि़यों ने लोहा मनवाया था उस शहर में अब वेटलिफ्टिंग के खिलाड़ी खोजने से भी नहीं मिल रहे हैं। प्रशिक्षकों की कमी और इंफ्रास्ट्रक्चर यह खेल लगता है अब दम तोड़ रहा है। दिग्गजों की माने तो जब तक प्रैक्टिस की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक यहां से खिलाड़ी निकलना मुश्किल है। राजधानी में बने स्टेडियम में जो खिलाड़ी वेटलिफ्टिंग में कॅरियर बनाने के लिए आते हैं, वे इसकी दुर्दशा देखकर कुछ दिनों बाद ही इस खेल से किनारा कर लेते हैं।

बर्बाद हो चुका है सेंटर

राजधानी में वेटलिफ्टिंग के लिए प्रैक्टिस के लिए केडी सिंह बाबू स्टेडियम के एक हॉल बनवाया गया था। इसमें वेटलिफ्टिंग की प्रैक्टिस के लिए सात प्लेटफार्म बनवाए गए, लेकिन ये प्लेटफार्म अब बर्बाद हो चुके हैं। खिलाडि़यों की प्रैक्टिस के लिए आने वाली रॉड और वेट खराब हो चुके हैं। कई बार खेल विभाग के अधिकारियों से इस सेंटर को खिलाडि़यों की आवश्यकता के अनुसार अपडेट करने की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस सेंटर पर एक कोच की तैनाती जरूर है लेकिन खिलाडि़यों की संख्या गिनी-चुनी ही है। राजधानी में वेटलिफ्टिंग के एक अन्य कोच गोमती नगर स्टेडियम में तैनात हैं, लेकिन उनके पास तो कोई जगह ही नहीं है जहां पर प्रैक्टिस कराई जा सके।

निकले है कई दिग्गज खिलाड़ी

उप्र वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के अधिकारियों के अनुसार नेशनल लेवल पर यहां नागेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह जीतू, विक्रम कक्कड़, संजीव गोस्वामी, पवन गोसाई, इशरत अली जैसे दिग्गजों ने जलवा बिखेरा। सिर्फ ब्वायज की नहीं इस खेल में लड़कियों की टीम ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। सोनिया चानू और स्वाति सिंह जैसी वेटलिफ्टिर्स ने यहीं पर ट्रेनिंग ली और इंटरनेशनल लेवल पर दमदार प्रदर्शन कर देश, प्रदेश का नाम भी रोशन किया। यूपी वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन के सचिव रंजीत सिंह ने बताया वेटलिफ्टिंग से खिलाडि़यों का मोह भंग होने का सबसे बड़ा कारण प्रैक्टिस की प्रापर व्यवस्था ना होना बताया।

वेटलिफ्टिंग की दुनिया में अब बहुत बदलाव आ चुका है। ऐसे में जब ट्रेनिंग के उपकरणों को अपग्रेड कर प्रशिक्षकों की तैनाती नहीं की जाएगी तब तक इस खेल में खिलाडि़यों से उम्मीद करना बेकार है। इसके साथ ही राजधानी में वातानुकूलित प्रैक्टिस हॉल की व्यवस्था भी होनी चाहिए।

- रंजीत सिंह

सचिव

यूपी वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन

ओलम्पिक तो दूर यहां के खिलाड़ी अब नेशनल लेवल तक सफर नहीं तय कर पा रहे हैं। यहां पर ट्रेनिंग के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है।

- ललित पटेल

लक्ष्मण अवॉर्डी और पूर्व वेटलिफ्टिंग प्लेयर