- गुरुवार को 37 संक्रमित और 65 हुए डिस्चार्ज, एक्टिव केस अब 505

LUCKNOW:

राजधानी में करीब ढाई माह बाद एक बड़ी सुखद खबर आई है। जहां कोरोना संक्रमण के कारण एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। इससे पहले 28 मार्च को कोरोना के कारण एक भी मौत राजधानी में नहीं हुई थी। जिसके बाद लगातार मौतों का सिलसिला जारी रहा था। इस समय राजधानी में मृत्युदर 1 फीसद रह गई है। जबकि अप्रैल में यही दर अधिकतम 1.7 तक पहुंच चुकी थी।

35 मिले संक्रमित

दूसरी ओर गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार राजधानी में 35 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि 65 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। इस समय राजधानी में रिकवरी रेट बढ़कर 98.72 फीसद हो गई है। वहीं एक्टिव केसेस की संख्या घटकर 505 रह गई है।

पांच कर्मचारी मिले संक्रमित

दूसरी ओर लॉकडाउन खुलने के बाद दो ऑनलाइन कंपनियों के वेयरहाउस में पांच लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। सभी की जांच निजी लैब द्वारा कराई गई थी। सूचना मिलने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इन दोनों वेयरहाउस का निरीक्षण किया गया। जहां कांटेक्ट ट्रेसिंग के बाद सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही पूरा परिसर सेनेटाइज कराने के साथ रिपोर्ट आने तक बंद कर दिया गया है।

मांगों को लेकर कैबिनेट सचिव से हुई बात

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने गुरुवार को आज भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गांबा के साथ वर्चुअल बातचीत की। उन्होंने बताया कि देश भर में कर्मचारियों की कुछ महत्वपूर्ण मांगे हैं। जिन पर कोई निर्णय नहीं होने के कारण कर्मचारियों में नाराजगी है। उनका समाधान आपके स्तर से हो सकता है। प्रमुख मांगों के तहत कोविड महामारी के इलाज में लगे दिवंगत कर्मचारियों के परिवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण निधि से 50 लाख रुपए का भुगतान, मृतक आश्रित को नियमित नियुक्ति, पारिवारिक पेंशन एवं अन्य देयको का तत्काल भुगतान आदि है। इसपर कैबिनेट सचिव ने कहा कि वह कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखते है और स्थिति सामान्य होने पर इप्सेफ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे।