फास्ट ट्रैक राउंड के 23 में से 13 शहर चुने गए, लखनऊ सबसे आगे

LUCKNOW: पहले बड़ा मंगल के दिन राजधानी को बड़ी सौगात मिली है। स्मार्ट सिटी के लिए चयनित होने वाले नए शहरों की लिस्ट में अपना लखनऊ सबसे ऊपर है। फास्ट ट्रैक राउंड के 23 में से 13 शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया है। स्मार्ट सिटी योजना के पहले राउंड में चूकने के बाद राजधानी ने धमाकेदार वापसी की है। लखनऊ ने अपनी स्मार्ट सिटी योजना में 19 फीसद का सुधार किया और सूची अव्वल रहा। इधर, ऐलान होते ही नगर निगम समेत इससे जुड़े सभी 14 विभागों ने भी कमर कस ली है।

पहले राउंड में 20 शहरों का हुआ था चयन

केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी के लिए पहले चरण में 20 शहरों का चयन किया था। मानक के मुताबिक प्रस्ताव न होने पर यूपी समेत 23 राज्यों के एक भी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने लायक नहीं माना गया था। बाद में इन प्रदेशों ने आपत्तियां जताईं तो केंद्र ने सभी 23 राज्यों के एक-एक शहर को स्मार्ट बनाने के लिए फास्ट ट्रैक मोड में लेने की घोषणा की, 21 अप्रैल तक एक-एक शहर का प्रपोजल मांगा था। राज्य सरकार ने लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव भेजा था।

स्मार्ट सिटी को बनेगा पोर्टल

राजधानी को स्मार्ट सिटी योजना की फेहरिस्त में शामिल करने की घोषणा के बाद मेयर डॉ। दिनेश शर्मा व नगर आयुक्त उदयराज सिंह, स्मार्ट सिटी के लिए नोडल अफसर अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने बताया कि पहले चरण में स्मार्ट सिटी मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल की स्थापना के अलावा स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) की योजना को अमली जामा पहनाया जाएगा।

दो तरह से बनेंगे स्मार्ट

1. पैन सिटी डेवलपमेंट

2. एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (रेट्रोफिटिंग)

चार थीम पर होगी स्मार्ट

1. जीवंत

2. सुगम

3. स्वच्छ

4. समृद्ध

पहले फेज पर खर्च: 2053.03 करोड़

बजट में सहयोग

भारत सरकार - 500 करोड़

राज्य सरकार - 500 करोड़

पीपीपी मॉडल - शेष बजट

स्मार्ट सिटी एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के लिए चुना गया हैरिटेज एरिया- कैसरबाग

पहले हुई थी ये चूक

- पब्लिक पार्ट - पब्लिक से लिए जाना वाला फीड बैक

- प्रपोजल - पब्लिक से सुझाव लेकर नहीं बनाया गया प्रपोजल

- पोर्टल - पहले प्रपोजल में एक साथ विभागों के काम करने का प्रपोजल नहीं था

- बजट - किस काम में कितना बजट खर्च होने का सही अनुमान भी नहीं लगा पाना

स्मार्ट सिटी की प्रस्तावित एक सौ की संख्या को बढ़ाया जाएगा। राज्यों की ओर से प्रस्तावित शहरों की तैयारियों की समीक्षा की जाती रहेगी। मानक पर खरे न उतरने वाले शहरों को सूची से बाहर किया जा सकता है। जून के आखिर तक स्मार्ट सिटी की दूसरी सूची जारी होगी, जिसमें अब 27 और शहरों को जगह मिल सकेगी। चयनित इन 13 स्मार्ट शहरों के विकास के लिए 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की जरूरत होगी। चुने गए 33 शहरों के लिए 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी।

-एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री

स्मार्ट सिटी की घोषणा के बाद इन कामों पर होगा जोर

राजधानी को स्मार्ट बनने में 2,053 करोड़ रुपए खर्च होंगे। फास्ट ट्रैक राउंड में सेलेक्ट होने के बाद स्मार्ट सिटी मिशन के लिए नए कलेवर में स्मार्ट सिटी प्रपोजल तैयार करके भारत सरकार को भेज दिया गया है। लखनऊ स्मार्ट सिटी के रिवाइज्ड प्लान को मंजूरी भी मिल चुकी है। पिछले प्लान के मुकाबले रिवाइज्ड प्लान की थीम में कई अहम बदलाव किये गये थे। वहीं विभागों के साथ बेहतर को ऑर्डिनेशन के लिए नगर निगम ने 14 विभागों के साथ एमओयू भी किया है। प्रपोजल में चार थीम के तहत विकास की व्यवस्था की गई है।

चार थीम के तहत होगा विकास

चारों बिंदुओं के आधार पर नगर का विजन, लक्ष्य एवं परियोजनाओं का चयन स्मार्ट तरीके से किया गया है। चार कम्पोनेंट में पैन सिटी के अंर्तगत चारों कम्पोनेंट की विभिन्न परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इस समय शहर की जनसंख्या लगभग 45 लाख है। स्मार्ट स्टिी प्रपोजल के अंतर्गत शहर की 1951 से 2011 तक की जनगणना के अनुसार जनसंख्या की वृद्घि दर, आर्थिक स्थिति एवं मोबिलिटी का पूरी तरह से विश्लेषण किया गया है। प्रपोजल में मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर ध्यान रखा गया है।

योजना पैन सिटी एरिया बेस्ड(रेट्रोफिटिंग)

जीवंत लखनऊ 81 करोड़ 740.57 करोड़

सुगम लखनऊ 456.58 करोड़ 188.91 करोड़

स्वच्छ लखनऊ 319.21 करोड़

समृद्घ लखनऊ 170.71 करोड़

अन्य खर्च 20.23 करोड़ 55.81 करोड़ (राशि रुपए में)

(अन्य खर्च-सॉल्यूशंस, स्मार्ट बस शेल्टर्स, यूनीफाइड स्मार्ट मोबिलिटी कार्ड और अर्बन मोबिलिटी नोड्स का डिवेलपमेंट शामिल है.)

इन योजना के तहत होगा काम

जीवंत लखनऊ

नागरिकों के जीवन स्तर की गुणवत्ता सुधारने के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास को बेहतर बनाने के लिए इनोवेटिव आईसीटी इंटरवेंशन, यूटिलिटी डक्ट, स्मार्ट मीटरिंग और नेटवर्क बढ़ाने आदि के साथ ही इनर्जी इफेंशियसी सोल्यूशन से संबंधित सोलर इनर्जी और एलईडी बेस्ट स्ट्रीट लाइट की परियोजनाओं को सम्मिलित किया गया है।

सुगम लखनऊ

पैनसिटी योजना के लिए इंटीगे्रटड टेक्नोलॉजी इनेबल स्मार्ट ट्रैफिक सोल्यूशन के अंर्तगत सिटी सर्विलांस सिस्टम, स्मार्ट सोल्यूशन पार्किग, सिटी बस के लिए आईसीटी, स्मार्ट बस शेल्टर, यूनीफाइड स्मार्ट मोबीलिटी कार्ड की परियोजनाएं रखी गई हैं।

स्वच्छ लखनऊ

ठंडी सड़क पर अवध वॉक, बेगम हजरत महल पार्क में सेक्टर रि-क्रिएशन स्पेस विकसित करना, छतर मंजिल में इंटरनेशनल कल्चर एंड हैरिटेज सेंटर की स्थापना के साथ हैरिटेज एवं सांस्कृतिक धरोहरों के माध्यम से शहर के नागरिकों की आर्थिक स्थिति बढ़ाए जाने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शामिल की गई हैं। इनमें हेरीटेज बिल्िडग का रेनोवेशन, पुराने एवं नए लखनऊ का समागम, लखनऊ का चिकनकारी उद्योग, सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रस्ताव, हैंडीक्राफ्ट उद्योगों के स्किल डेवलपमेंट सेंटर और विभिन्न सांस्कृतिक धरोहरों का विकास करने के साथ साथ उसमें आईसीटी टेक्नोलॉजी का उपयोग प्रस्तावित है। इससे आमजन की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। इतना ही नहीं, नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने के लिए ब्राडिंग को भी सम्मिलित किया गया है। यह योजना 1475.22 करोड़ की होगी।

पैनसिटी

इस प्रपोजल के अंतर्गत जीवंत लखनऊ के लिए 81 करोड़ रुपए की परियोजना, सुगम लखनऊ के अंतर्गत 476.5 करोड़ रुपए की परियोजना तथा एरिया बेस्ड डेवलपमेंट में जीवंत लखनऊ के लिए 740.57 करोड़ रुपए की परियोजना, सुगम लखनऊ के लिए 188.91 करोड़ रुपए की परियोजना, स्वच्छ लखनऊ के अंतर्गत 319.20 करोड़ रुपए की परियोजना तथा समृद्घ लखनऊ के अंतर्गत 170.73 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाएं सम्मिलित की गई हैं।

यूं खर्च होगी रकम

स्मार्ट सिटी प्रपोजल के अंतर्गत कुल 2053 करोड़ रुपए की धनराशि में से 11 प्रतिशत पीपीपी के माध्यम से, 45 प्रतिशत स्मार्ट सिटी मिशन, नौ प्रतिशत धनराशि अमृत योजना, एक प्रतिशत स्वच्छ भारत मिशन, पांच प्रतिशत धनराशि आईपीडीएस स्कीम के अंतर्गत, 17 प्रतिशत उप्र राज्य के माध्यम से, 2 प्रतिशत की धनराशि लखनऊ नगर निगम तथा 11 प्रतिशत की धनराशि अन्य विभागों के द्वारा इस योजना में खर्च होगी। इस तरह स्मार्ट सिटी प्रपोजल की लागत करीब 2,053 करोड़ रुपए आएगी।

मिलकर सभी विभाग करेंगे विकास

सभी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अन्य विभागों के साथ एमओयू किया गया है। इन विभागों में ट्रैफिक विभाग, लखनऊ सिटी बस ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन, लखनऊ विकास प्राधिकरण, राज्य पुरातत्व विभाग, लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, पर्यटन विभाग, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम तथा लखनऊ सम्पूर्ति प्रशासन(लेसा), लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग तथा यूपीएसडीबी शामिल हैं।

सांस्कृतिक विरासत की ब्रांडिंग पर रहेगा फोकस

समृद्ध के अंतर्गत राजधानी की सांस्कृतिक विरासत की ब्रांडिंग पर फोकस किया जाएगा, ताकि इसे ग्लोबल सिटी का दर्जा मिल सके। इस थीम में सभी काम 813 एकड़ में रेट्रोफिटिंग एरिया के रूप में चुने गए कैसरबाग हेरिटेज जोन में करवाए जाएंगे। इसके लिए छतर मंजिल में इंटरनेशनल कल्चरल एंड हेरिटेज सेंटर, सिब्तैनाबाद इमामबाड़ा में टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर, लाल बारादरी का रेनोवेशन, रोशनउद्दौला कोठी में आर्कियोलॉजिकल रिसर्च एंड हेरिटेज सेंटर, दर्शन विलास कोठी में पब्लिक लाइब्रेरी, गुलिस्तां ए इरम कोठी में हेरिटेज कंजर्वेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना, रिफा ए आम क्लब, मोरिस मार्केट का रेनोवेशन, वाई फाई हॉट स्पॉट्स और ठंडी सड़क पर अवध वॉक शुरू होगा।

बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी

स्मार्ट सिटी के तहत एरिया बेस्ड डेवलपमेंट(रेट्रोफिटिंग) क्षेत्र में भवन स्वामियों से नगर निगम स्मार्ट सिटी टैक्स वसूल करेगा। रेट्रोफिटिंग कैसरबाग एवं आस पास के क्षेत्र में किया जाना है। ऐसे में यहां के लोगों से हाउस टैक्स में 30 से 40 प्रतिशत तक स्मार्ट सिटी सेस लगाकर वसूल किया जाएगा। ऐसा स्मार्ट सिटी डेवलपेंट के बाद क्षेत्र के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। नगर निगम ने इस प्रकार का प्रस्ताव तैयार किया है। नगर निगम कार्यकारिणी व सदन में पारित होने के बाद लागू किया जाएगा।

सबसे पहले एसपीवी का होगा गठन

फास्ट ट्रैक राउंड के लिए लखनऊ शार्ट लिस्ट होने के बाद स्मार्ट सिटी प्रपोजल में सबसे पहले स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) तैयार करेगा। इस प्रपोजल में कैसरबाग व आस पास के क्षेत्र में पैडस्ट्रियन के लिए अवस्थापना सुविधाएं विकसित होंगी। एलईडी लाइटें व साइकिल टै्रक बनेगा। सब्जी व मछली मार्केट में मल्टी लेवल पार्किग बनेगी। ओपन जिम व वाई फाई हॉट स्पॉट स्थापित होगा। चकबस्त स्थित नजूल भूमि पर नगर निगम का कार्यालय, एसपीवी का कार्यालय, डूडा का कार्यालय, बहुउद्देशीय ऑडिटोरियम, भूमिगत पार्किग तथा व्यवासायिक के लिए अन्य कार्यालय भवन बनाए जाने प्रस्तावित हैं। यह कार्य एसपीवी को दिया जाएगा जिसमें एमओयू के आधार पर नगर निगम एवं एसपीवी के बीच राजस्व की हिस्सेदारी होगी। इसके अलावा क्षेत्र में रोड क्लीनिंग उपकरण तथा अन्य अवस्थापना सुविधाओं के लिए 14वें वित्त आयोग से आवश्यक धनराशि का प्राविधान किया जाएगा।

दो साल में एलईडी स्ट्रीट लाइटें

पैन सिटी डेवलपमेंट के लिए आगामी दो साल में पूरे शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगेंगी। जाम रहित ट्रैफिक के लिए शहर के विभिन्न स्थलों पर मोबिलिटी नोड बनाए जाएंगे। नगर निगम की पार्किग को स्मार्ट साल्यूशन स्थापित किया जाएगा।

जीपीआरएस युक्त स्मार्ट बस शेल्टर

बस शेल्टरों को स्मार्ट बनाया जाएगा। इनके स्मार्ट बनने से यात्रियों को बस स्टॉप पर बसों के आने-जाने की पूरी जानकारी के लिए डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी। बसों की जानकारी मोबाइल एप के जरिए भी मिल सकेगी। इसके लिए बसों व शेल्टर में जीपीआरस व जीपीएस सिस्टम लगाए जाएंगे। बसों में जीपीएस सिस्टम लगेंगे जिससे कौन सी बस कहां पर है, कितनी रफ्तार से चल रही है, इसकी जानकारी मिलती रहेगी। इसके लिए स्मार्ट कमांड सेंटर बनेगा। यह स्मार्ट सिटी आईसीटी ऑपरेशन सेंटर के साथ कनेक्ट रहेगा। इससे बसों के आवागमन की पूरी गतिविधि की जानकारी सेंटर पर मिलती रहेगी। अर्बन मोबिलिटी के अंतर्गत स्मार्ट पार्किग, मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट विकसित किया जाएगा। इस संबंध में सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड और नगर निगम के बीच एमओयू हो गया है।

एक कॉल पर ट्रांसपोर्ट सुविधा

एससीपी(स्मार्ट सिटी प्रपोजल) को अपग्रेड करने के लिए संबंधित विभागों के बीच एमओयू होना आवश्यक है। इस संबंध में एलसीटीएसएल की ओर से प्रबंध निदेशक ए। रहमान ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर नगर निगम को भेज दिया है। मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग के अंतर्गत एमडी ने यह शर्त रखी है कि एमओयू सिर्फ दो साल के लिए होगा। राजस्व में नुकसान अथवा अन्य व्यवस्था अनुकूल न होने पर एमओयू निरस्त किया जा सकता है।

मेट्रो, बस व पार्किग के लिए स्मार्ट टै्रवल कार्ड

यात्रियों को विभिन्न स्थानों पर आटोमैटिक फेयर कलेक्शन की सुविधा दी जाएगी। जबकि टिकट व्यवस्था को स्मार्ट ट्रैवल कार्ड के साथ इंटीग्रेशन किया जाएगा। यहीं नहीं भविष्य में मेट्रो रेल का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। इसके लिए मेट्रो टिकट को भी स्मार्ट ट्रैवल कार्ड से लिंक किया जाएगा। इंटीग्रेटड कार्ड से मेट्रो रेल, बस व पार्किग में लाभ मिल सकेगा।

स्मार्ट सिटी की में शामिल होने के लिए राजधानी के लोगों को बधाई। पब्लिक के सहयोग से शहर को स्मार्ट बनाया जाना संभव हो सकेगा। आगे के चैलेंज काफी बड़े हैं। तय मानक के अनुसार विकास कार्य और उनकी गुणवत्ता अहम होगी।

-राजशेखर, डीएम।

पब्लिक के सहयोग और खासकर सी-40 ग्रुप के निर्देश पर इस बार हम फास्ट ट्रैक में पहले पायदान में शामिल हुए। स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद सबसे पहले पोर्टल तैयार किया जाएगा। जिसमें सभी 14 विभागों को एक छत के नीचे काम करने में मदद मिलेगी।

-उदय राज सिंह, नगर आयुक्त।

राजधानी वासियों के लिए सबसे खुशी की बात है कि हम बड़े मंगल को स्मार्ट सिटी की दौड़ में न केवल शामिल हुए बल्कि पहले स्थान पर हैं। इसमें लोगों की भूमिका अहम रही। अब हमें अपने वादे के अनुसार पब्लिक के सपनों को पूरा करना है।

-डॉ। दिनेश शर्मा, मेयर।