लखनऊ (ब्यूरो)। शहर में करीब दो हजार रेस्टोरेंट में से केवल 388 के पास ही हाईजीन रेटिंग का प्रमाणपत्र है। इसका मतलब है कि खाद्य सुरक्षा विभाग के मानकों के दायरे में ये रेस्तरां ग्राहकों को स्वच्छ खाना तैयार कर परोस रहे हैं। खान-पान से सेहत नहीं बिगड़े, इसके लिए स्वच्छता के पैमाने पर खरे उतरने वाले रेस्टारेंट की रेटिंग तय होती है। अब तक तो रेटिंग तय करने का कोई शुल्क नहीं था लेकिन जल्द ही इसके लिए विभाग फीस भी लेगा। शासन में शुल्क का प्रस्ताव भेजा गया है। यह जानकारी डीएम सूर्यपाल गंगवार की अध्यक्षता में गुरुवार को एफएसडीए की जिला स्तरीय समिति की बैठक में सामने आई।

36 हजार कारोबारी रजिस्टर्ड

राजधानी में करीब 36 हजार कारोबारी पंजीकृत हैं। इनमें से दो हजार केवल रेस्टोरेंट हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से सभी रेस्टोंरेंट के लिए हाईजीन रेटिंग लेना हर हाल में अनिवार्य कर दिया है। अभी तक रेटिंग के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं तय था लेकिन अब शासन को इसका प्रस्ताव भेजा गया है। सहायक आयुक्त एसपी सिंह ने बताया कि रेटिंग के लिए शुल्क तय करने को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से हरी झंडी मिलते ही शुल्क लागू हो जाएगा। पांच सौ रेस्टोरेंट की रेटिंग तय करने का लक्ष्य है।

रेटिंग कैसे तय होगी

-रेस्टोरेंट स्वच्छ हो, परिसर में कूड़ा और गंदगी नहीं हो

-शेफ और कर्मचारी किचन में खाना पकाते व परोसते वक्त कैप, मास्क और ग्लब्स का इस्तेमाल करें

-कर्मचारी किसी संक्रमण वाली बीमारी से ग्रसित न हों, स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र हो

-किचन में पानी और धुएं की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो ताकि खाद्य सामग्री खराब नहीं हो

-इस्तेमाल की जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता समय समय पर जांची जाए

-वेज और नानवेज खाने की सामग्री को रखने के अलग व्यवस्था हो

-फूड इंस्पेक्टर और अभिहित अधिकारी समय-समय पर जांच करें

चार मंदिरों के भोग के लिए प्रमाणपत्र

ईट राइट चैलेंज कार्यक्रम के अंतर्गत चार प्रमुख मंदिरों (हनुमान सेतु मंदिर, इस्कान मंदिर, गुरुद्वारा आशियाना एवं गायत्री शक्तिपीठ जानकीपुरम) को खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा उच्च गुणवत्ता वाला भोग वितरित करने पर प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। इसी तरह बेहतर खान-पान के लिए पीजीआइ, केजीएमयू, पुलिस लाइन कैंटीन, विधानसभा कैंटीन, इंट्रीग्रल विवि सहित कुल सात परिसरों को ईट राइट कैंपस प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।

मेडिकल स्टोरों पर लगेगे सीसी कैमरे

बच्चों को प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निर्देश पर मेडिकल स्टोरों पर सीसी कैमरा लगाना अनिवार्य किया जाएगा।

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