5 से 15 साल के बच्चों में ज्यादा बीमारी

10 रुपए होगी एक गोली की कीमत

70 फीसद मरीजों को दवा से मिला काफी फायदा

- पीजीआई में किया गया रिसर्च, 75 फीसद मरीजों को दवा से मिला काफी फायदा

LUCKNOW:

कई बार दिल की धड़कनें असमान्य रूप से अचानक तेज हो जाती हैं, जिसकी वजह से दिल के वॉल्व में सूजन आ जाती है। इस समस्या को रूमेंटिक हार्ट डिजीज कहा जाता है। फ्लेकेनाइड दवा का इस बीमारी पर क्या असर होगा, यह जानने के लिए पीजीआई में एक रिसर्च किया गया। जिसमें सामने आया कि इस दवा से करीब 70 फीसद मरीजों के दिल की धड़कन सामान्य हो गई। पीजीआई के डॉक्टर्स का दावा है कि विश्व में यह इस तरह की पहली रिसर्च है और यह रिसर्च इस बीमारी से पीडि़त मरीजों के लिए काफी राहत भरी खबर लेकर आया है।

बच्चे ज्यादा होते हैं शिकार

पीजीआई के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रो। आदित्य कपूर ने बताया कि रूमेंटिक हार्ट डिजीज यानि आरएसडी 5 से 15 साल के बच्चों में सर्वाधिक देखने को मिलती है। हर 10 हजार बच्चों में से 5 बच्चों में इसके होने की आशंका रहती है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि बच्चों की इस बीमारी पर जल्द ध्यान नहीं दिया जाता है और अधिकतर ऐसे मामले तब डॉक्टरों के पास आते हैं जब बच्चे की उम्र 25 से 30 वर्ष के करीब हो चुकी होती है। हार्ट के करीब एक तिहाई मरीजों में असमान्य दिल की धड़कन की समस्या देखी जाती है।

अभी नहीं थी कोई दवा

प्रो। कपूर ने बताया कि पहले इस बीमारी की कोई दवा नहीं थी और जो दवाएं दी जाती थीं, उनके साइड इफेक्ट काफी थे। ऐसे में यहां 50 मरीजों को फ्लेकेनाइड नामक दवा करीब एक साल तक दी गई। जिसमें करीब 60-70 फीसद मरीजों में दिल की धड़कनों की गति नार्मल करने में सफला मिली। अगर डॉक्टर की देखरेख में रेगुलुटेड तरीके के दवा दी जाए तो फायदा मिलेगा ही और लकवा होने की आशंका भी कम होगी। यानि असामान्य दिल की धड़कन जो 150 तक पहुंच सकती है, उसे इस दवा की मदद से नार्मल किया जा सकता है। इस दवा की कीमत भी दस रुपये प्रति गोली पड़ेगी।

एक खतरनाक बीमारी

प्रो। कपूर ने बताया कि इस बीमारी से वाल्व सिकुड़ जाता है या फिर लीक करने लगता है और धीरे-धीरे क्लॉटिंग होने लगती है जो आगे चलकर पैर, दिमाग या शरीर के किसी अंग में पहुंच जाती है। जिससे मरीज लकुवा का शिकार हो सकता है।

मिला सर्वश्रेष्ठ रिसर्च अवार्ड

डॉ। कपूर ने बताया कि यह रिसर्च सोसायटी ऑफ कार्डियक एंजियोग्राफी एंड इंटरवेंशन में सबमित की गई थी। जहां इसे सर्वश्रेष्ठ रिसर्च का अवार्ड दिया गया है। इस रिसर्च में विभाग के डॉ। अनीनदय घोष भी शामिल रहे हैं।

बीमारी के लक्षण

- सांस फूलना

- धड़कन तेज होना

- पैरों में सूजन आना

- लकवा मार जाना

इस दवा से 150 तक पहुंच चुकी दिल की धड़कन को भी नार्मल किया जा सकता है। रही बात दवा की कीमत की तो इसकी एक गोली की कीमत सिर्फ 10 रुपए ही पड़ेगी।

प्रो। आदित्य कपूर, पीजीआई