लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप आवास विकास की कोई आवासीय योजना में फ्लैट इत्यादि खरीदते हैैं तो अब पूरा भुगतान करने के बाद ही आपको संपत्ति पर कब्जा मिलेगा। अभी तक परिषद की ओर से ईडब्ल्यूएस भवन का 10 प्रतिशत, एलआइजी में 20 और एचआइजी का 30 प्रतिशत भुगतान करने पर कब्जा दे दिया जाता था। यह निर्णय आवास विकास परिषद की शनिवार को आयोजित बोर्ड बैठक में लिया गया। इस बैठक में खाली जमीनों पर सामुदायिक केंद्र बनाए जाने समेत कई अन्य निर्णय भी लिए गए हैैं।

इस तरह रखा गया बजट

आवास विकास परिषद ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 3347 करोड़ रुपये की प्राप्ति और 2496 करोड़ रुपये व्यय का लक्ष्य रखा है, जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राप्ति का लक्ष्य 2063 और व्यय 1921 करोड़ रुपये था। परिषद के सचिव व अपर आवास आयुक्त नीरज शुक्ल ने बताया कि अयोध्या में 1194 एकड़ भूमि की योजना है। इसमें पहले चरण में 588 एकड़ जमीन पर बल्क हाउङ्क्षसग व राज्यों के गेस्ट हाउस बनेंगे। तिरुपति बालाजी ट्रस्ट व शिरडी साईंधाम सहित कई जगहों के आश्रम बनाने के लिए 90 प्रार्थनापत्र भूमि आवंटन के लिए आए हैं। परिषद की बहुमंजिला परियोजनाओं में सामूहिक रूप से फ्लैट खरीदने वाले 25 से 49 लोगों तक के समूहों को 15 प्रतिशत और 50 से अधिक लोगों के ग्रुप के लिए 25 प्रतिशत की छूट 31 मार्च 2023 तक मिलेगी।

निजी संस्था संभालेंगी कूड़ा प्रबंधन का काम

लखनऊ सहित प्रदेशभर की नगर निगम सीमा से बाहर परिषद की कालोनियों में ठोस कूड़ा प्रबंधन का काम निजी संस्था को दिया जाएगा। इसके लिए आवंटियों से यूजर चार्ज भी परिषद लेगा। प्राधिकरण अलग-अलग शहरों में रिक्त पड़ी 37 जमीनों पर सामुदायिक केंद्र बनाएगा। इनमें लखनऊ के वृंदावन क्षेत्र में आठ व अवध विहार में सात भूखंड 810 से 3266 वर्ग मीटर तक के हैं। वृंदावन योजना तीन में 15271.11 वर्ग मीटर का भूखंड मल्टीप्लेक्स के लिए आरक्षित किया गया है। वहीं, मौजूदा ए, बी, सी व डी श्रेणी के सामुदायिक केंद्रों, कन्वेंशन सेंटरों और कल्याण मंडप को 30 वर्ष की लीज पर निजी संस्थाओं को दिया जाएगा। अयोध्या और वृंदावन में आवास विकास परिषद की नई टाउनशिप जल्द शुरू होगी। परिषद ने इस वित्तीय वर्ष में अयोध्या के लिए 158 करोड़ और वृंदावन योजना के लिए 30 करोड़ रुपये के बजट का प्राविधान कर दिया है।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

-एमजी मार्ग स्थित परिषद के मुख्यालय में 41 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट लगेगा

-राजाजीपुरम व इंदिरानगर योजना में अदेयता के आधार पर निरस्त संपत्तियों के काल बाधित प्रकरणों में एक तय फीस लेकर अनुमोदन किया जाएगा

-स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ उनके आश्रितों को भी मिलेगा क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा

ब्याज दर में बदलाव

परिषद की संपत्तियों में आधा प्रतिशत ब्याज कम किया जाएगा। अब 10 लाख रुपये तक की मूल्य की संपत्तियों पर साढ़े नौ की जगह नौ प्रतिशत, 10 से 25 लाख रुपये की संपत्तियों पर 10 के स्थान पर साढ़े नौ प्रतिशत और 25 लाख से अधिक की संपत्तियों पर 10.5 की जगह 10 प्रतिशत ब्याज लगेगा।

नामांतरण शुल्क में भी बदलाव

नगर निगम को कब्जा की गई संपत्तियों में विक्रय विलेख, गिफ्ट डीड के मामले में नामांतरण अब मालियत के एक प्रतिशत के स्थान पर चार श्रेणी में वसूला जाएगा। पांच लाख रुपये तक की संपत्तियों पर 200 रुपये, पांच से 10 लाख की संपत्तियों पर 300 रुपये, 10 से 20 लाख रुपये तक की संपत्तियों पर 500 रुपये, जबकि 20 लाख से अधिक कीमत की संपत्तियों पर जिलाधिकारी सर्किल रेट से मूल्यांकन का एक प्रतिशत या 25 हजार रुपये जो भी कम हो, वह लिया जाएगा। वसीयत की दशा में नामांतरण सिविल कोर्ट से निर्णय के बाद होगा।

रखरखाव व विलंब शुल्क पर इतनी मिलेगी माफी

आवंटियों के रखरखाव व विलंब शुल्क को विशेष परिस्थितियों में माफी के लिए पहले जोनल व्यवस्था थी। अब इसके चार स्लैब बना दिए गए हैं। जोन स्तर पर 50 हजार रुपये तक का रखरखाव व विलंब शुल्क माफ होगा, जबकि सचिव स्तर पर 50 हजार से एक लाख रुपये तक, आवास आयुक्त स्तर पर एक से पांच लाख रुपये और परिषद स्तर पर पांच लाख रुपये से अधिक का रखरखाव व विलंब शुल्क माफ किया जा सकेगा।

अनावासीय संपत्तियों में होंगे यह बदलाव

-टोकन राशि के भुगतान के लिए अब एनईएफटी, आरटीजीएस के साथ आनलाइन भुगतान ही प्राप्त किए जाएंगे

-नीलामी समिति का पुनर्गठन होगा

-50 प्रतिशत राशि जमा होने पर ही कब्जे के लिए अनुबंध किया जाएगा

-सामान्य दिव्यांगजन को 10 व गंभीर दिव्यांगजन को संपत्ति के मूल्य में 20 प्रतिशत छूट मिलेगी

-जिन संपत्तियों की केवल टोकन राशि जमा है, उनका पुनर्जीवन नहीं किया जाएगा

-परिषद के कब्जे वाली संपत्तियों के पुनर्जीवन के लिए निरस्तीकरण के दो माह के भीतर आवेदन होता है तो पंजीकरण राशि का 40 प्रतिशत व वर्तमान मूल्य का 15 प्रतिशत जमा होने के बाद 60 दिन के भीतर पूरी संपत्ति की राशि जमा करनी होगी।