लखनऊ (ब्यूरो)। स्थिति यह रही कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड को स्थिति को संभालने के लिए दौड़ भाग करनी पड़ी। स्टूडेंट्स परीक्षा के लिए भटकते रहे और करीब दो घंटे तक परीक्षा नियंत्रक का अता-पता नहीं रहा। वहीं कई केंद्रों पर दोपहर की पाली में भी पेपर एक से डेढ़ घंटे देर से पहुंचा, जिससे स्टूडेंंट्स को काफी समस्याएं हुईं।

एक घंटा 10 मिनट हुआ लेट
स्टूडेंट्स ने बताया कि सुबह की पाली में ग्रेजुुएशन के एनईपी वाले स्टूडेंट्स का को करिकुलर का एग्जाम था। डेढ़ घंटे की इस परीक्षा में कई केंद्रों पर पेपर 45 मिनट तो कई में 25 मिनट और कुछ केंद्रों में एक घंटा दस मिनट देरी से पहुंचा। देरी से पहुंचने पर केकेसी में खूब हंगामा हुआ। वहीं शिया पीजी कॉलेज, नवयुग कन्या महाविद्यालय, एलयू के दोनों कैंपसों समेत अन्य केंद्रों पर स्टूडेंट्स में अफरातफरी रही। वहीं, दोपहर की पाली में एमएससी जंतु विज्ञान सेमेस्टर 1, एनिमल फिजियोलॉजी, एमए थर्ड एडवांस माइक्रो इंकानमिक्स, एमकॉम सेमेस्टर, एमए अंग्रेजी, फ्रेंच सेमेस्टर, पॉलिटिकल साइंस फस्र्ट सेमेस्ट, एमआईएच फस्र्ट, एमजेएमसी फस्र्ट सेमेस्टर के पेपर भी 50 मिनट से एक घंटा लेट आए।

छात्र संगठनों ने किया हंगामा
परीक्षा में लेट हो रहे पेपरों को लेकर एनएसयूआई के कार्यकताओं ने प्रशासनिक भवन का घेराव किया। उन्होंने परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपते हुए आगे परीक्षा में देरी होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी।

केकेसी में टॉयलेट को लेकर विवाद
केकेसी में विषम सेमेस्टर की परीक्षाओं के दौरान कॉलेज के पुराने टॉयलेट में ताला डाले जाने, त्रिपाल से बने टॉयलेट को लेकर स्टूडेंट्स ने खूब हंगामा किया। हालांकि कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह नकलविहीन परीक्षा को रोकने के लिए बनाया गया है, जो छात्राओं के लिए नहीं है।