लखनऊ (ब्यूरो)। आठ साल बाद लखनऊ सहित प्रदेश भर में ऑटो-टेंपो और टैक्सी का नया किराया तय किए जाने की तैयारी की जा रही है। परिवहन आयुक्त के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी ने नया किराया निर्धारित करने के लिए मानक निर्धारित कर लिए हैं। नई व्यवस्था में पूर्व का किराया, वर्तमान में ईंधन की कीमत और मजदूरी की दरों को शामिल करते हुए किराये की गणना की जाएगी। राज्य परिवहन प्राधिकरण की सचिव ममता शर्मा के अनुसार, 22 जून को होने वाली बैठक में किराया बढ़ाए जाने पर चर्चा की जायेगी। एसटीए की अगली बैठक की तारीख तय कर उसमें नए किराये पर मुहर लग सकती है। 22 जून को होने वाली बैठक में किराए के अलावा दो नए रूटों में बरहज से सलेमपुर और बलिया से बक्सर के परमिट पर मंजूरी दी जाएगी।

यूनियन लगातर कर रहा है मांग

डीजल और पेट्रोल के साथ ही सीएनजी के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। 2014 की तुलना में अब सीएनजी तकरीबन दोगुनी कीमत पर पहुंच गई है। इससे ऑटो चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देश के सभी राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑटो का किराया आधे से भी कम है, जबकि सीएनजी की दर यहां पर काफी ज्यादा है। ऑटो यूनियन की तरफ से लगातार परिवहन विभाग से ऑटो के किराए की बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। हर बार उम्मीद की जाती है कि कुछ किराया बढ़ जाएगा, लेकिन परिवहन विभाग ने पिछले आठ साल से ऑटो के किराए में कोई इजाफा नहीं किया है।

ऑटो चालकों के लिए परेशानी

सस्ता किराया यात्रियों के लिए तो राहत की बात है, लेकिन ऑटो चालकों के लिए यह किसी आफत से कम नहीं है। लखनऊ में ऑटो रिक्शा के किराए की बात की जाए तो पहले किलोमीटर के लिए यात्री को 6.39 पैसे की दर से भुगतान करना पड़ता है, वहीं अगले 500 मीटर या उससे अधिक के लिए 3.95 पैसे। अगर सीएनजी के दामों की बात की जाए तो इस समय सीएनजी की दर 87.50 से भी ऊपर है। ऐसे में, ऑटो चालकों का सीएनजी का खर्च भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है। लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर संघ ने परिवहन विभाग को पहले 2 किलोमीटर या उसके अन्य क्षेत्र के लिए 25 रुपए और उसके बाद एक किलोमीटर या उसके अन्य क्षेत्र के लिए 12 रुपए किराए का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा रात का किराया निर्धारित किराए के अतिरिक्त 15 फीसदी और वेटिंग चार्ज 2 रुपए प्रति मिनट करने का प्रस्ताव दिया है।