लखनऊ (ब्यूरो)। वर्ल्ड एन्वायरमेंट डे के मौके पर सोमवार को शहर में पौधरोपण के साथ अलग-अलग प्रतियोगिताएं भी हुईं। जहां स्कूलों में बच्चों ने पोस्टर के जरिए धरती की हरियाली को बचाने की अपील की, वहीं शहर के साइंटिफिक संस्थानों में पौधरोपण के साथ-साथ सेमिनार का आयोजन भी हुआ।

अमीनाबाद इंटर कॉलेज

स्कूल में चित्रकला, रंगोली, निबंध प्रतियोगिता के साथ 22 पौधे भी रोपे गए। प्रतियोगिता में विजेता छात्रों को सम्मानित किया गया। इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल एसएल मिश्रा मौजूद रहे। स्कूल की ओर से कान्हा उपवन के बच्चों के लिए भी स्लोगन व पोस्टर प्रतियोगिता कराई गई। साथ ही बच्चों ने पर्यावरण जागरूकता रैली भी निकाली।

सीएसआईआर-सीडीआरआई

सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट में एन्वायरनमेंट डे के मौके पर स्टूडेंट साइंटिस्ट कनेक्ट प्रोग्राम हुआ। इस दौरान संस्थान वैज्ञानिक डॉ। संजीव यादव ने स्टूडेंट्स को माइक्रोप्लास्टिक के बारे में जानकारी दी। हैशटैग 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' के साथ स्टूडेंट्स को लैब विजिट कराई गई। इस दौरान गोरखपुर से आए स्टूडेंट्स ने भी भाग लिया।

उत्तर प्रदेश स्काउट एंड गाइड

शहर के हनुमान प्रसाद रस्तोगी गल्र्स इंटर कॉलेज में मुख्य अतिथि उप शिक्षा निदेशक ओम प्रकाश मिश्र व विशिष्ट अतिथि स्काउट एंड गाइड के प्रादेशिक उपाध्यक्ष डॉ। आरपी मिश्र ने पौधरोपण किया। इस दौरान आम के साथ साथ नींबू, बेल व कई फलदार पौधे रोपे गए।

केंद्रीय विद्यालय, गोमतीनगर

स्कूल में प्रिंसिपल डॉ। सीबीपी वर्मा ने स्कूल के कर्मचारियों के साथ स्कूल कैम्पस में पौधे रोपे। कॉलेज में स्टूडेंट्स के सहयोग से नर्सरी तैयार की गई है।

आईसीएआर-एनबीएफजीआर

आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिर्सोसेज में वल्र्ड एन्वायरमेंट डे के मौके पर फल वाले पौधों को रोपा गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक आईसीएआर सिफरी बैरकपुर डॉ। ध्रुब ज्योति सरकार ने पर्यावरण दिवस के बारे में जानकारी दी। मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ। यूके सरकार, कर्नल एस सिन्हा मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए भागीदारी समय की आवश्यकता नामक मैन्युअल भी जारी की गई।

बीबीएयू

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ अर्थ एंड एन्वायरनमेंटल साइंसेज की ओर से सेमिनार हुआ। यह सेमिनार 'बीट द प्लास्टिक पॉल्यूशन' पर कराया गया। मौके पर प्रो। नवीन कुमार अरोड़ा, प्रो। राणा प्रताप सिंह, आईआईटीआर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ। विनोद प्रवीन शर्मा भी मौजूद रहे।