- इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने जारी की एडवायजरी

LUCKNOW: इस साल कोविड को और अधिक फैलने से रोकने के लिए ईद उल अजहा के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन के द्वारा बताए गए उपायाें एवं सरकार के बंदोबस्त के तहत इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल द्वारा एडवायजरी जारी की है और लोगों से इस पर अमल करने को कहा है।

जारी हुई एडवायजरी

- ईद के दिन गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबू तेल लगाना सुन्नत है।

- ईदगाहों और मस्जिदों में ईद उल अजहा की जमाअत में प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार सिर्फ 50 लोग ही नमाज अदा करें।

- नमाज में भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें।

- ईद की नमाज केबाद खुतबा पढ़ना सुन्नत है।

- अगर किसी को खुतबा याद न हो और खुतबे की कोई किताब भी न हो तो वह पहले खुतबे में सूरह फातिहा और सूरह अखलास पढ़ें।

- ईद के दिन भी न किसी से हाथ मिलाएं और न गले मिलें।

- हर साहिब-ए-हैसियत मुसलमान पर कुर्बानी करना वाजिब है।

- कानूनी दायरे में रहते हुए कुर्बानी को जरूरी अंजाम दें।

- जिन इलाकों में कानूनी बंदिशें हैं तो अपनी रकम दूसरी जगह भेज कर कुर्बानी कराएं।

- हर साल नली कुर्बानियां कराने वाले वह पैसा गरीबों या मदरसों में दें।

- उन्ही जानवरों की कुर्बानी की जाए जिन पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं है।

- कुर्बानी करने वाला मास्क, दस्ताने पहनकर व सेनेटाइज करके कुर्बानी करे।

- कुर्बानी के स्थानों पर सेनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का अमल किया जाए।

- उन स्थानों पर सफाई का विशेष एहतिमाम किया जाए।

- सड़क के किनारे, गली और पब्लिक प्लेस पर कुर्बानी न करें।

- जानवरों की गंदगी केवल नगर निगम के कूड़ेदानों में डालें।

- कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहाएं।

- गोश्त की तकसीम अच्छी तरह पैक करके की जाए।

- गोश्त का तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को दें।

- कुर्बानी करते समय फोटो या वीडियो न बनाएं और न उसको सोशल मीडिया पर अपलोड करें।

- जानवर की खाल खुदा की राह में सदका करें।

- नमाज के बाद कोविड के जल्द खात्मे, पूरी दुनिया में अमन व अमान के कयाम, अपनी और देश व कौम की तरक्की व खुशहाली इज्जत व सरबुलंदी और भुखमरी के खात्मे के लिए दुआयें करें।