लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए कई नये-नये कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आए दिन ये वाहन हादसों का सबब बन रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों में भी दहशत का महौल है। कई लोगों में इन्हें लेकर डर भी पैदा हुआ है। आखिरकार इन वाहनों में आग लगने का क्या कारण है? क्यों आए दिन दुघर्टनाएं होती हैं? ये वाहन कितने सेफ हैं? इन तमाम सवालों के जवाब तलाशते हुए पेश है दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खास रिपोर्ट

केस 1

बीते बुधवार ठाकुरगंज के हरिनगर स्थित एक मकान में चार्जिंग के लिए लगाए गए ई-स्कूटर की बैटरी में ब्लास्ट हो होने से भीषण आग लग गई। जिससे स्कूटी तो जलकर राख हो गई, लेकिन गनीमत रही कि इस हादसे में किसी को जानी नुकसान नहीं हुआ।

केस-2

मई 2023 को बीबीडी थाना क्षेत्र के निवाजपुरवा जुगैर स्थित एक घर में चार्जिंग के दौरान ई-रिक्शा की बैटरी में विस्फोट हो गया था। इस घटना में मां-बेटे और भतीजी की मौत हो गई थी, जबकि दो गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। पुलिस जांच में सामने आया था कि ई-रिक्शा की बैटरी का ओवरचार्ज हो जाने के कारण हादसा हो गया।

केस-3

अप्रैल 2018 में वजीरबाग के मौला नगरी में चार्जिंग पर लगे 19 ई-रिक्शा जलकर राख हो गए थे। मौला नगरी में रहने वाले तलहा के घर के पास बने गैराज में 19 ई-रिक्शा की बैट्री चार्ज हो रहीं थी, तभी अचानक ई-रिक्शा में आग लग गई। हालांकि, इस आग में किसी को जानी नुकसान नहीं हुआ था।

इसलिए लगती है आग

एक्सपर्ट पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने के कारणों में बैटरी व इसकी गुणवत्ता जिम्मेदार है। बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (बीएमएस) का सही से काम न करना या खराब होना भी एक कारण हो सकता है। खराब वेंटिलेशन और इस्तेमाल करने के पैटर्न संबंधी कमियां भी वजह बनती हैं। ईवी को चार्ज करने के दौरान शॉर्ट सर्किट की वजह से भी आग लग जाती है। इन वाहनों में हैवी लिथियम आयन बैटरी का यूज होता है, जिसके क्षतिग्रस्त होने या अन्य किसी कमी की वजह से इसमें आग लगने का खतरा बना रहता है।

कुछ प्वाइंट्स में समझे आग लगने की वजह

1-सवाल है कि आखिर ई-व्हीकल में आग क्यों लग रही है? इसे लेकर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इसकी मुख्य वजह बैटरी है। उनका कहना है कि ई-स्कूटर्स में बैटरी ही ऐसा हिस्सा है, जहां आग लग सकती है। इसे लेकर कड़े सुरक्षा नियम अपनाए जाने की जरूरत है।

2-एक्सपर्ट का कहना है कि लिथियम आयन बैटरी वाले टू व्हीलर को कठोर परीक्षण के बाद ही बाजार में बिक्री के लिए उतारने की मंजूरी मिलनी चाहिए। साथ ही गाड़ी चलाने के तुरंत बाद कभी चार्जिंग प्वाइंट का यूज नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आग लग सकती है।

3-एक्सपर्ट बताते हैं कि ई-स्कूटरों में लिथियम-आयन यानी ली आयन बैटरियों का इस्तेमाल होता है। ये बैटरियां अन्य बैटरियों की तुलना में ज्यादा ताकतवर और हल्की मानी जाती हैं। हालांकि, इन बैटरियों से आग लगने का भी खतरा अन्य बैटरियों से कहीं अधिक होता है।

4-लिथियम-आयन बैटरियों की सबसे बड़ी खासियत हाई एनर्जी डेंसिटी है, यानी आम बैटरियों से ज्यादा एनर्जी होती है। इन बैटरियों की हाई एनर्जी डेंसिटी का मतलब है कि ये सेल कुछ परिस्थितियों में अस्थिर हो सकते हैं, जो इसकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

ऐसे करें बचाव

-ओवरचार्जिंग बैटरी को बहुत जल्द खराब कर देती है। यह स्मार्टफोन की बैटरी से काफी मिलता-जुलता है। ईवी बैटरी चार्ज करते समय इसे 100 प्रतिशत तक चार्ज करने से बचें। बैटरी को हमेशा 80 फीसदी चार्ज करने की कोशिश करें।

-बैटरी को ज्यादा चार्ज करने से बैटरी की लाइफ कम हो जाती है। ऐसा करना बैटरी के प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है। बैटरी लाइफ बढ़ाने के लिए चार्जिंग कम से कम करनी चाहिए।

-राइड के बाद तुरंत चार्ज न करें। मोटर को बिजली की सप्लाई करते समय लिथियम-आयन बैटरी बहुत गर्मी हो जाती है। राइडिंग के कम से कम 30 मिनट की कूलिंग के बाद बैटरी चार्ज करना चाहिए। ईवी चलाने या चलाने के तुरंत बाद बैटरी को चार्जिंग में न लगाएं।

फैक्ट फाइल

- 40 हजार ई-रिक्शा शहर में

- 50 हजार इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन शहर में

- 100 से अधिक फोर व्हीलर शहर में