- कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: तीसरी लहर से जंग को लेकर सिर्फ कोविड ही नहीं, बल्कि नॉन कोविड अस्पतालों में भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बलरामपुर अस्पताल को दूसरी लहर में पूरी तरह से कोविड अस्पताल बना दिया गया था, मगर यहां 300 बेड पर ही मरीज भर्ती किए जा रहे थे, जबकि पहली लहर में यह नॉन कोविड अस्पताल था। अब तीसरी लहर के लिए इस अस्पताल को अभी नॉन कोविड की ही श्रेणी में रखा गया है, मगर यहां भी तैयारियां हो चुकी हैं।

लग चुका ऑक्सीजन जनरेटर

यहां अब 960 लीटर प्रतिदिन क्षमता का आक्सीजन जनरेटर लग चुका है। इससे एक साथ करीब 100 जंबो सिलिंडर भरे जा सकते हैं। मौजूदा वक्त में यहां 300 आइसीयू बेड हैं। साथ ही, तीसरे फ्लोर पर 20 बेड का पीडियाट्रिक आइसीयू अलग से बनाया गया है। इसके बगल ही 20 बेड का आक्सीजन युक्त बेड बच्चों के लिए अलग आरक्षित रखा गया है। सीएमएस डा। आरके गुप्ता ने बताया कि हमारे यहां 20 बेड का ही पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का निर्देश था, जिसे बना दिया गया है। जरूरत पड़ने पर इस क्षमता को हम और बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास कुल 57 वेंटिलेटर हैं। इससे अब वेंटिलेटर के अभाव में मरीजों की जान नहीं जाएगी। जरूरत पड़ने पर और अधिक वेंटिलेटर लिए जाएंगे।

भाऊराव देवरस में 70 बेडों तक पहुंची आक्सीजन की पाइप लाइन

बलरामपुर अस्पताल के बाद हमारी टीम महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल का जायजा लेने पहुंची। यहां देखा गया कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस 600 लीटर प्रतिदिन की क्षमता का आक्सीजन जनरेटर लगाया गया है। इसके जरिए अस्पताल के हर बेड तक आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की गई है। भाऊराव देवरस के सीएमएस डा। आरसी सिंह ने बताया कि हमारा नॉन कोविड अस्पताल है, मगर यहां आक्सीजन युक्त 70 बेड तैयार हैं। सभी बेड तक आक्सीजन की पाइप लाइन पहुंचा दी गई है। तीसरी लहर में हर परिस्थितियों का सामना करने के लिए अस्पताल पूरी तरह तैयार है।