लखनऊ (ब्यूरो)। जब हम चिकित्सा क्षेत्र के जुडऩे का प्रण करते हैं तो हमारे ऊपर हमारी सामाजिक, नैतिक व नैसर्गिक जिम्मेदारी होती है। उन जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे करें, इसके लिए कार्यक्रम का आयोजन करें और प्रसारण करें। इससे नये चिकित्सकों व मरीजों को अत्यधिक लाभ पहुंचेगा। यह बातें डिप्टी सीएम और चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को केजीएमयू के रेडियो गूंज के सौ दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने ग्रीन केजीएमयू क्लीन केजीएमयू हस्ताक्षर अभियान की भी शुुरुआत की।

जानकारी रेडियो पर हो प्रसारित

डिप्टी सीएम ने कहा कि एक ऐसे प्रस्तावित कार्यक्रम का प्रसारण होना चाहिए जिससे मरीजों को अस्पताल परिसर में आने पर क्या-क्या करना चाहिए, पर्चा कहां बनेगा, डाक्टर कहां मिलेगें आदि जानकारी मिल सके। साथ ही रजिस्ट्रेशन कैसे होगा, आनलाइन या नंबर से नंबर न लगे तो एक चिट्ठी डालने का सुझाव दिया। इन बातों का प्रसारण रेडियो केजीएमयू गूंज के माध्यम से होना चाहिए।

पूरी दुनिया को जोड़ सकते हैं

कार्यक्रम के दौरान वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने कहा कि यह चिकित्सा क्षेत्र का पहला कम्युनिटी रेडियो है। आप गूंज एप के माध्यम से पूरी दुनिया से जुड़ सकते हैं। कोविड काल में हमें यह पता चला कि लोगों से जुडऩे के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म बहुत अच्छा माध्यम है। वहीं गूंज के अधिशाषी अधिकारी प्रो। विनोद जैन ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा जनमानस को स्वास्थ्य, योग, ध्यान, स्वस्थ जीवन शैली खान-पान, रहन-सहन, व्यायाम, कृषि आदि विषय पर रोचक तरीके से प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराना है।

सर्वाइकल कैंसर की जांच जरूरी है

महिलाओं में सर्वाधिक होने वाले सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत में पहचान के लिए महंगी जांच मशीन की जरूरत नहीं है। इसके लिए सिर्फ एसिटिक एसिड के 5 प्रतिशत सल्यूशन को सर्विक्स पर लगाने से कैंसर का कुछ ही समय में पता लगाया जा सकेगा। यदि कैंसर की आशंका लगती है तो इलाज कर उसे कैंसर में तब्दील होने से बचाया जा सकता है। इसके बाद ऐसे मरीजों को थेरेपी देकर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है। यह जानकारी केजीएमयू के क्वीन मेरी की चिकित्सा अधीक्षक डॉ। एसपी जायसवार ने दी।

हर पांच साल में कराएं जांच

केजीएमयू में नेशनल हेल्थ मिशन की तरफ से शुक्रवार को सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग ट्रेनिंग कार्यक्रम हुआ। इसमें 12 महिला जिला अस्पताल की डॉक्टरों ने प्रशिक्षण हासिल किया। डॉ। एसपी जायसवार ने आगे बताया कि सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए क्रायो थेरेपी भी दी जाती है। इस थेरेपी से ठंडी गैस दी जाती है जिससे कैंसर कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। 30 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर की जांच हर पांच साल में करानी चाहिए।