लखनऊ (ब्यूरो)। मोबाइल हीट हो, तो अलर्ट हो जाएं। स्मार्टफोन फटने की खबरें आए दिन सुनाई देती हैं। एक दिन पहले ही केरल में फोन फटने से 8 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। बच्ची लंबे समय से वीडियो देख रही थी, चेहरे के पास फोन फटने से उसकी मौत हो गई। इससे पहले बरेली में भी हादसा हो चुका है, जिसमें फोन फटने से 8 माह की बच्ची की मौत हो गई थी।

बीते कुछ सालों में हुए बड़े हादसे

13 सितंबर-बरेली में चार्जिंग पर रखे मोबाइल फोन की बैटरी अचानक फटने से आठ महीने की बच्ची नेहा की मौत हो गई। मोबाइल लगभग छह महीने पहले ही खरीदा गया था। फोन को एक सौर पैनल से जुड़े स्विच में चार्जिंग के लिए मां कुसुम ने लगाया था।

20 मार्च-ओडिशा में फोन में विस्फोट होने से 18 साल की युवती की मौत हो गई।

10 जून-जलालाबाद (फिरोजपुर) में अश्विनी सेठी नाम के व्यक्ति के मोबाइल की बैटरी फटने से फोन जलकर राख हो गया। हालांकि, इसमें किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।

1 जून-बूंदी के हिंडोली में अचानक फोन की बैटरी फटने से 12 साल का बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया।

18 जून-राजस्थान के झालावाड़ जिले में गेम खेलने के दौरान मोबाइल फोन की बैटरी फट जाने से 12 साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया।

29 जुलाई-कर्नूल जिले में सेलफोन फटने से एक बच्चे के घायल होने का मामला सामने आया। बच्चा पिता के फोन पर गाने सुन रहा था, तभी मोबाइल फट गया।

1 अगस्त-आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में मोबाइल पर बातचीत के दौरान एक शख्स की मौत हो गई

बैटरी फटने से पहले मिलते हैं तीन संकेत

स्मार्टफोन्स के जानकार शिवम अवस्थी का कहना है कि मोबाइल फटने से पहले तीन बार संकेत देता है। इस संकेत पर सतर्क होने की जरूरत है, वरना कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इन संकेतों को पहचानें

- फोन की स्क्रीन का ब्लर होना या स्क्रीन में पूरी तरह डार्कनेस आ जाना।

- फोन बार-बार हैंग होना और प्रोसेसिंग स्लो हो जाना।

- बात करते समय फोन नॉर्मल से ज्यादा गर्म होना।

जानिए कैसे बचा जा सकता है

-सबसे पहले तो हमेशा अपने मोबाइल का चार्जर और केबल असली ही खरीदें। जिस कंपनी का फोन है उसी कंपनी का चार्जर और केबल खरीदें।

-फोन को कभी सूरज की रोशनी में डायरेक्ट रखकर चार्ज न करें। इससे आपका फोन ओवरहीट हो सकता है, जिससे ब्लास्ट होने की संभावना बढ़ जाती है।

क्यों फटते हैं फोन

फोन फटने का सबसे सामान्य कारण हो सकता है इसकी बैटरी का अधिक गर्म होना। अगर आप फोन को घंटों तक चार्जिंग पर लगाकर छोड़ देते हैं या फिर चार्जिंग पर लगाने के बावजूद फोन पर बातें करते हैं, तो इसकी बैटरी अत्यधिक गर्म होने के साथ अतिरिक्त चार्ज हो रही है। ऐसी स्थिति में बैटरी पिघल भी सकती है।

इन चीजों से खासतौर पर बचें

- फेक चार्जर, फेक बैटरी का यूज कभी न करें। जिस ब्रांड का फोन यूज कर रहे हैं, उसी का चार्जर यूज करें।

- पानी में भीगे फोन को चार्जिंग पर न लगाएं। फोन चार्ज करते वक्त उसका यूज न करें।

- बैटरी डैमेज हो गई है तो उसे तुरंत फ्रेश बैटरी लगाएं।

- एक्स्ट्रीम टेम्प्रेचर में फोन को न रखें।

- मोबाइल को 100 प्रतिशत चार्ज न करें। अगर आप 100 प्रतिशत चार्ज करते हैं तो इससे बैटरी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। मोबाइल की बैटरी 80 से 85 प्रतिशत तक चार्ज करना सही माना जाता है।

- पूरी रात मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर छोड़ देने से बैटरी जल्दी खराब होने लगती है। इसका पूरे मोबाइल की परफॉर्मेंस पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

- मोबाइल को ओरिजिनल चार्जर से चार्ज न करने से मोबाइल की बैटरी धीरे धीरे खराब होने लगती है। साथ ही चार्जिंग स्पीड भी काफी स्लो होती है।

- मोबाइल की बैटरी 20 प्रतिशत से कम होने के पहले ही बार बार चार्जिंग पर लगा देने से बैटरी जल्दी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। कोशिश करें कि मोबाइल की बैटरी 20 प्रतिशत से कम होने पर ही चार्जिंग पर लगाएं।

- मोबाइल को किसी भी गर्म जगह पर रखकर चार्ज करने से बैटरी तेजी से गर्म होने लगती है। ऐसा बार बार करने से बैटरी और मोबाइल जल्दी खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।

इन बातों का भी ध्यान रखें

- फोन चार्जिंग पर लगाकर म्यूजिक सुनने या यूज करने से दुर्घटना होने के कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें यूजर की जान तक जा चुकी है। इसलिए कभी भी चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल न करें।

- कभी भी स्मार्टफोन को अपने एकदम पास रखकर न सोएं। एक्सपट्र्स भी कह चुके हैं कि मोबाइल डिवाइसेज नजदीक होने से ब्रेन सिग्नल में बाधा पहुंचती है इससे नींद अच्छे से नहीं आती।

- जहां सूरज की किरणें सीधे आ रही हों या गर्मी वाली जगह जैसे कार के डेशबोर्ड पर मोबाइल को रखकर चार्ज न करें। इससे टेम्प्रेचर बढऩे के कारण बैटरी ब्लास्ट हो सकती है।

- कई बार हम तकिया के नीचे फोन चार्ज पर लगाकर छोड़ जाते हैं, इससे भी हीट की प्रॉब्लम हो सकती है और आग तक लग सकती है।

- स्मार्टफोन को पावर स्ट्रिप एक्सटेंशन बोर्ड से चार्ज न करें तो बेहतर होता है।

- चार्ज करते समय स्मार्टफोन से कवर को अलग कर देना चाहिए। केस हीट को फैलने से रोकता है।

बच्चे फाल्स आटिस्टिक बिहेव करने लगते हैं

पीजीआई के पीडियाट्रिक विभाग की डॉ। पियाली भट्टाचार्या के मुताबिक, कम उम्र में मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से बच्चों की मेंटल और फिजीकल ग्रोथ पर काफी असर होता है। बच्चे आटिस्टिक बिहेवियर करने लगते हैं। वे बातचीत करना और बिहेव करना भूल जाते है। वे अगर बाहर नहीं खेेलेंगे या घूमेंगे तो लाइफ और कम्युनिकेशन स्किल्स डेवलप नहीं होंगे। बच्चे लोगों से मिलने से कतराने लगेंगे। दूसरा, मोबाइल में वर्चुअल लाइफ की वजह से विजन ऑफ लाइफ बदल जाती है। सोशल मीडिया की वजह से वर्चुअल आटिस्टिक की समस्या होने लगती है, जबकि मोबाइल के इस्तेमाल के दौरान जंक फूड खाना, बेड पर बैठे रहने और लेटने से मोटापा बढऩे से बीपी, कोलेस्ट्राल व दिल आदि की समस्या बढऩे लगती है। वहीं, गलत पोजिशन होने से गर्दन दर्द होना, आंखों में दर्द व कमजोर होना, कलाई में दर्द होना जैसी समस्या देखने को मिल सकती है। इसलिए पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चों को सीमित समय के लिए ही मोबाइल यूज करने दें।

बड़ों का बिगड़ रहा पॉश्चर

केजीएमयू के आर्थोपेडिस्ट प्रो। आशीष कुमार के मुताबिक, आजकल हर कोई मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है। जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं देखने को मिल रही हैं। लोगों की गर्दन और कलाई में दर्द के साथ रीढ़ की हड्डी में भी दर्द होने लग रहा है। साथ ही आंखों की मांसपेशियों में तनाव पड़ता है और आंखों में दर्द, सिरदर्द, सूखापन और धुंधलापन तक की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, इससे निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर तक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए रात को सोते समय मोबाइल अपने से दूर रखें। तकिए या सिरहाने के आसपास रखने से बचें। साथ ही पूरी रात मोबाइल को चार्ज करने से बचें। इसलिए बड़ों को मोबाइल सीमित समय के लिए करना चाहिए। मोबाइल को अधिक समय के लिए शर्ट की जेब या पेंट की जेब में रखने से बचें।