लखनऊ (ब्यूरो)। हर किसी को साफ पानी चाहिए लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी एक आदत की वजह से साफ पानी का सपना सिर्फ सपना ही रह सकता है। दरअसल, ज्यादातर लोग शहर की लाइफलाइन मानी जाने वाली गोमती नदी में सीधे वेस्ट फेंक रहे हैैं, जिसकी वजह से गोमा का पानी दूषित हो रहा है। गोमा सफाई में जुटी संस्थाएं भी बता चुकी हैैं कि लोगों की ओर से गोमा में सबसे अधिक प्लास्टिक वेस्ट फेंका जा रहा है।

आदत में सुधार नहीं

कई बार अपील की जाती है कि गोमा में वेस्ट न फेंका जाए, इसके बावजूद लोग नहीं मानते हैैं और धड़ल्ले से घरों से निकलने वाला वेस्ट फेंक रहे हैैं। यह तस्वीर निशातगंज पुल या नए गोमती पुल पर जाकर देखी जा सकती है। नगर निगम की ओर से यहां पर डस्टबिन भी रखवाए गए हैैं, इसके बावजूद लोगों की ओर से लोगों की ओर से डस्टबिन में वेस्ट फेंकने के स्थान पर गोमा में वेस्ट फेंका जा रहा है।

हर तरह का वेस्ट है गोमती में

गोमती सफाई अभियान से जुड़ी समितियों की माने तो गोमती में हर तरह का वेस्ट भारी मात्रा में है। जब उनकी ओर से सफाई की जाती है तो एक बार में ही 15 कुंतल तक वेस्ट निकलता है। अगर प्लास्टिक वेस्ट की बात की जाए तो यह 45 से 50 फीसदी तक होता है। चूंकि ये वेस्ट घुलनशील नहीं होता है, इसकी वजह से जहरीले तत्व गोमती के पानी में मिलते रहते हैैं।

सभी घाटों की यही स्थिति

गोमती के घाटों की बात की जाए तो लगभग हर घाट से गोमती से वेस्ट निकलने की स्थिति चिंताजनक है। स्वच्छ पर्यावरण सेना के संयोजक रणजीत सिंह का कहना है कि गोमती के प्रमुख नौ घाटों की बात की जाए तो हर घाट से औसतन 10 से 12 कुंतल वेस्ट एक बार में निकलता है। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोमती के अंदर कितनी भारी मात्रा में हल्के और भारी वेस्ट के ढेर समाए हुए हैैं।

ये जागरूकता लानी होगी

1-हर सप्ताह गोमा की तलहटी की सफाई

2-वेस्ट फेंकने पर रोक और जुर्माना

3-नियमित मॉनीटरिंग के लिए टीमें

4-जलकुंभी को हटाने के लिए रेगुलर सफाई

ये होता है नुकसान

गोमा के पानी को शोधित करके वॉटर सप्लाई की जाती है। अगर गोमा का पानी अधिक प्रदूषित होगा तो वॉटर सप्लाई में समस्या सामने आएगी। जिसकी वजह से लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में हमें अपनी आदत में सुधार लाना होगा और गोमा में वेस्ट फेंकने से बचना होगा।

जिम्मेदार भी हों सख्त

गोमा को स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम की ओर से भी सख्त एक्शन लेने की जरूरत है। निगम की ओर से पहले योजना बनाई गई थी कि गोमती के घाटों और ऐसे प्वाइंट्स पर कैमरे लगाए जाएंगे, जहां से वेस्ट फेंका जा रहा है। हालांकि, ये योजना अभी कागजों में ही सिमट कर रह गई। अभी तक किसी भी एक प्वाइंट पर कैमरा नहीं लगाया जा सका है। वहीं अभी तक गोमा में वेस्ट फेंकने वालों पर कोई भी जुर्माना संबंधी कार्रवाई भी नहीं की गई है।

लोगों की ओर से गोमती में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वेस्ट फेंका जा रहा है। जब हमारी ओर से सफाई अभियान चलाया जाता है तो कुल वेस्ट में सबसे अधिक प्लास्टिक वेस्ट निकलता है, जो बेहद चिंताजनक है। पब्लिक को इस दिशा में जागरुक होना होगा।

रणजीत सिंह, संयोजक, स्वच्छ पर्यावरण सेना