लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश भर में बीएस सिक्स वाहन मालिक अपने वाहनों में सीएनजी किट नहीं लगवा सकते। इससे सबसे अधिक ट्रैवल्स संचालक परेशान हो रहे हैं। निजी वाहन मालिक भी अपने वाहन में सीएनजी किट लगवाने के लिए आरटीओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। आरटीओ कार्यालय में तैनात एआरटीओ प्रशासन एके द्विवेदी ने बताया कि बीएस सिक्स वाहन में यदि कोई सीएनजी किट लगाकर आता है तो उसका पंजीयन नहीं किया जायेगा। साथ ही, ऐसे वाहनों का पंजीयन स्वत: निरस्त माना जायेगा।

अभी तक 40 हजार आवेदन आए

बेहतर माइलेज के चलते ट्रैवल्स के अधिकांश वाहन अब सीएनजी से चलाए जा रहे हैं। इससे उनकी मोटी कमाई होती है। खास कर शहर के अंदर आने वाली बुकिंग के लिए सीएनजी से चलने वाले वाहन ही भेजे जाते हैं। इसी तरह शहर में रेडियो टैक्सी में भी लोग अपने वाहनों को अटैच कराकर चलाना शुरू कर देते हैं। इससे उन्हें रोजगार मिलता है, लेकिन शहर में चलने वाले व्यवसायिक वाहनों के लिए सीएनजी अनिवार्य है। लेकिन बीएस सिक्स वाहनों में सीएनजी किट वाहन मालिक नहीं लगवा पा रहे हैं। निजी वाहन मालिक भी अपने वाहनों में सीएनजी किट लगवाना चाहते हैं। ट्रैवल्स के अनुसार, जिस पेट्रोल से चलने वाले वाहन से शहर में औसत 18 किमी प्रति लीटर आता है, वही एक किलो सीएनजी से औसत 25 किमी तक पहुंच जाता है। सीएनजी के दाम पेट्रोल से अभी भी कम हैं। ऐसे में, सीएनजी किट लगवाने के लिए मारामारी मची हुई है। लखनऊ आरटीओ कार्यालय में ही रोजाना बड़ी संख्या में लोग अपने वाहन में सीएनजी किट लगवाने की परमीशन लेने के लिए पहुंचते हैं। यहां पर अब तक 40 हजार से अधिक आवेदन इसके लिए आ चुके हैं।

उत्र्जन मानकों से है इनका संबंध

एक अप्रैल 2020 से देश भर के सभी आरटीओ कार्यालय में भारतीय स्टेज सिक्स वाहनों का पंजीयन शुरू हुआ। इससे पहले बीएस फोर वाहनों का पंजीयन किया जा रहा था। बीएस फोर और सिक्स का संबंध उत्र्जन मानकों के लिए तय किया गया है। बीएस सिक्स इंजन से लैस वाहनों में विशेष फिल्टर वाहन में लगाए जाते हैं, जिससे प्रदूषण का उत्सर्जन कम होता है।

बीएस सिक्स वाहनों में अभी तक सीएनजी किट लगाने की छूट नहीं दी गई है। इसी वर्ष जनवरी में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसका नियम तो बना दिया है, लेकिन अभी तक इन वाहनों में सीएनजी किट लगवाने का आदेश जारी नहीं किया है। जल्द ही आदेश आने की उम्मीद है।

- कमल जोशी, एआरटीओ प्राविधिक, परिवहन आयुक्त कार्यालय