- हाथरस कांड में ईडी ने भी बढ़ाए विदेशों से फं¨डग मामले में जांच के कदम

- कुछ संगठनों के पदाधिकारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में

रुष्टयहृह्रङ्ख : हाथरस कांड के बाद सूबे में जातीय व सांप्रदायिक ¨हसा भड़काने की साजिश के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के रडार पर पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के कई सदस्य आ गए हैं। पीएफआई की स्टूडेंट ¨वग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के मथुरा में पकड़े गए चार सदस्यों से पूछताछ के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई संदिग्धों की छानबीन तेज की गई है। दूसरी ओर हाथरस कांड में वेबसाइट के जरिए विदेशों से फं¨डग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई सदस्यों के संपर्क में रहे कुछ संगठनों के पदाधिकारियों के खातों की भी छानबीन शुरू की है। सूत्रों का कहना है कि इस कड़ी में भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ताओं के नाम भी सामने आए हैं। उनके खाते भी खंगाले जा रहे हैं।

खंगाली जा रही कुंडली

एसटीएफ के एक अधिकारी का कहना है कि मथुरा में पकड़े गए सीएफआई के चार सदस्यों के संपर्क सूत्रों को सिलसिलेवार खंगाला जा रहा है। इनमें आरोपित केरल निवासी कथित पत्रकार सिद्दीकी कप्पन का पीएफआई के सक्रिय सदस्य पी कोया व अन्य से सीधा संपर्क था। आरोपितों ने पूछताछ में पीएफआई के सदस्य दानिश व कुछ अन्य संगठनों के संपर्क में होने की बात भी स्वीकार की थी। जिसके बाद ही एसटीएफ ने पीएफआई के कई सदस्यों की कुंडली खंगालनी शुरू की है। मामले में एसटीएफ जल्द कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी कर सकती है।

शासन ने हाथरस कांड के बाद ¨हसा भड़काने की साजिश की जांच 18 अक्टूबर 2020 को एसटीएफ को सौंपी थी। एसटीएफ ने अलीगढ़ में भी अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है। सूत्रों का कहना है कि सीएफआइ सदस्यों के इंटरनेट अकाउंट से सामने आई जानकारियों के आधार पर विदेशों से फं¨डग की दिशा में भी छानबीन की जा रही है। उल्लेखनीय है कि हाथरस कांड के बाद ¨हसा भड़काने की साजिश के तहत अमेरिका के सर्वर के जरिए बनाई गई एक वेबसाइट भी सामने आई थी। वेबसाइट के जरिए विदेशों से फं¨डग हुई थी।