- पीजीआई को प्रदेश सरकार ने दी एक एयर एंबुलेंस की मंजूरी

- एविएशन डिपार्टमेंट ने कैंपस आकर हेलीपैड के लिए चुनी जमीन

- चार से पांच माह में मिलना शुरू हो सकती है एयर एंबुलेंस सुविधा

- प्रदेश का पहला संस्थान जिसके पास होगी अपनी एयर एंबुलेंस

LUCKNOW:

पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में मरीज अपने उपचार के लिए राजधानी के पीजीआई में आते हैं। इनमें से कुछ बेहद गंभीर बीमारियों का शिकार होते हैं और कई बार उन्हें दिल्ली-मुंबई के अस्पतालों के लिए शिफ्ट किया जाता है, जिसमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बेहद गंभीर मरीजों को शिफ्टिंग के दौरान अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े इसलिए यहां एयर एंबुलेंस सेवा सेवा चार से पांच माह में शुरू की जा सकती है। इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रदेश में एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू करने वाला पीजीआई पहला संस्थान होगा।

कैंपस में बनाया जाएगा हैलीपैड

पीजीआई के निदेशक प्रो। आलोक धीमान ने बताया कि एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू करने के प्रयास काफी पहले से चल रहे हैं, जिसमें अब तेजी के साथ काम किया जा रहा है। एविएशन डिपार्टमेंट के अधिकारी संस्थान आकर हैलीपैड के लिए जगह देख गए हैं। कैंपस में खाली जगह की कमी नहीं है। कैंपस में हेलीपैड बनाने के लिए जमीन को समतल करने का काम भी शुरू कर दिया गया है।

एक एयर एंबुलेंस की मंजूरी

निदेशक प्रो। धीमान ने बताया कि मरीजों के इलाज की नई-नई तकनीक और उनकी सुविधाओं के लिए संस्थान में लगातार न सिर्फ प्रयास किए जा रहे हैं, बल्कि काफी काम भी किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से एक एयर एंबुलेंस की मंजूरी भी मिल गई है। एयर एंबुलेंस की सुविधा बेहद गंभीर मरीजों को जून माह के अंतिम सप्ताह से मिलने लगे, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। एयर एंबुलेंस का किराया कितना रखा जाएगा, यह भी जल्द तय कर लिया जाएगा।

बाहर से भी आएंगे मरीज

पीजीआई में एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू होने से कई गंभीर मरीजों को उपचार के लिए यहां भी लाया जाएगा। इसके लिए भी पीजीआई प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं

1- मरीज के आते ही उसके प्रॉपर इलाज के लिए सभी व्यवस्थाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जा रहा हैं।

2- इमरजेंसी सेवाओं को और बेहतर किया जा रहा है।

3- ट्रॉमा सेंटर को पूरी क्षमता के साथ दोबारा शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

4- स्टाफ को भी तैयार किया जा रहा है, ताकि मरीज को बिना परेशानी इमरजेंसी में शिफ्ट किया जा सके।

संस्थान में एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू करने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। कैंपस में हेलीपैड के लिए जगह का भी चयन कर लिया गया है।

प्रो। आरके धीमान, निदेशक, पीजीआई

केजीएमयू में भी शुरू हुई थी तैयारी

केजीएमयू में पूर्व वीसी प्रो। रविकांत के समय एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू करने की कवायद की गई थी। हेलीपैड के लिए ट्रॉमा की छत का चयन किया गया था लेकिन तकनीकी समस्या आने से फिर शताब्दी पार्क में हेलीपैड बनाने की योजना बनाई गई थी। बाद में यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि यहां एयर एंबुलेंस सुविधा को लेकर फिलहाल कोई बात नहीं चल रही है।

नहीं बनाना होगा ग्रीन कॉरिडोर

राजधानी से कई बेहद गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस से दिल्ली शिफ्ट किया जा चुका है। इस दौरान पुलिस डिपार्टमेंट ने अस्पताल से एयरपोर्ट तक के रूट को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील किया था। अब जब पीजीआई में हेलीपैड बन जाएगा तो मरीजों की शिफ्टिंग के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।