लखनऊ (ब्यूरो)। शासन द्वारा बलरामपुर अस्पताल में चिकित्सीय सुविधाओं में इजाफा के लिए करीब 10 करोड़ से अधिक का बजट दिया है। जिसके तहत अस्पताल में कई एडवांस्ड सर्जिकल आइटम से लेकर जरूरत के उपकरण मिलेंगे। जिससे न केवल मरीजों को एडवांस्ड इलाज मिल सकेगा, बल्कि पहले के मुकाबले अधिक सर्जरी और जांचेें भी हो सकेंगी। अधिकारियों के मुताबिक, जरूरी सामान मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

एडवांस्ड होगा डेंटल का इलाज

अस्पताल के सीएमएस डॉ। अतुल मेहरोत्रा ने बताया कि शासन से मिले बजट के तहत कई सामान आने हैं। जिसमें लेप्रोस्कोपी मशीन भी मिलेगी। इसके लिए करीब 18 लाख का बजट पास हुआ है। इसके अलावा, डेंटल विंग में ओपीजी एक्स-रे मशीन मिलेगी। यह मशीन दांतों, जबड़े की हड्डियों और आसपास के चहरे की संरचनाओं को एक ही फिल्म में दिखाती है। जिससे दांतों की समस्याओं का और बेहतर इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड मशीन भी मिलेगी। जिससे इसकी वेटिंग भी कम होगी और मरीजों को जल्द जांच का फायदा मिल सकेगा।

मिलेंगे और अन्य सामान

इसके अलावा, बजट के तहत सर्जरी के लिए जरूरी नए सामान, आंखों के लिए जरूरी मशीनों समेत अन्य बेहतर और एडवांस्ड मशीनें भी मिलेंगी। सीएमएस डॉ। अतुल मेहरोत्रा के मुताबिक, नए सामान आने से अस्पताल की चिकित्सीय सुविधाओं में इजाफा होगा, जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा।

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एनस्थीसिया विशेषज्ञ की भूमिका में आ रहा बदलाव

एनस्थीसिया विशेषज्ञ अब ऑपरेशन थियेटर के अलावा आईसीयू व वेंटिलेटर पर मरीजों को इलाज मुहैया कराकर गंभीर मरीजों को नया जीवन दे रहे हैं। साथ ही, सड़क हादसे में घायल, फेफड़े, दिल आदि के गंभीर मरीजों की जान बचाने में मदद कर रहे हैं। ये बातें लोहिया संस्थान में एनस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ। दीपक मालवीय ने मंगलवार को एनस्थीसिया दिवस के दौरान कहीं। वहीं, डॉ। पीके दास ने कहा कि एनस्थीसिया का इस्तेमाल आमतौर पर मरीजों को दर्द से बचाने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल मामूली प्रक्रियाओं में किया जा सकता है। दांतों के इलाज, ऑपरेशन से प्रसव, क्लोनोस्कोपी जैसे बड़ी जांच में किया जा रहा है। भटिंडा एम्स के निदेशक डॉ। डीके सिंह ने कहा कि कैंसर के दर्द से निजात दिलाने में भी एनस्थीसिया विशेषज्ञ अहम भूमिका अदा कर रहे हैं।