280 सीसीटीवी कैमरे शहर में लगे

15 सौ कैमरे को एक साल में बदला जाएगा

3 हजार एक्स्ट्रा कैमरों से लैस होगा शहर

- वीएमएस साफ्टवेयर तकनीकी से लैस होंगे शहर में नए सीसीटीवी कैमरे

- कैटेगरी वाइज फुटेज होगी स्टोर, सर्विलांस पर ली जा सकेगी फुटेज

LUCKNOW (6 Dec): अपराधियों पर शिकंजा कसने और उन्हे सलाखों के पीछे भेजने के लिए कमिश्नरेट पुलिस हाईटेक टेक्नोलॉजी के यूज पर जोर दे रही है। इसी के तहत अब सीसीटीवी कैमरे को न केवल सर्विलांस पर लिया जाएगा बल्कि उनकी फुटेज को कई कैटेगरी में बांटकर क्राइम को कंट्रोल करने में उनकी मदद ली जाएगी। ऐसे में शहर के 280 चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को रिप्लेस कर हाईटेक कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही उनके सर्वर को भी अपग्रेड किया जाएगा। कैमरों को (वीएमएस) वीडियो प्रबंधन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा।

सभी कैमरे को बदला जाएगा

ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि दृष्टि परियोजना के तहत लखनऊ कमिश्नरेट में 280 चौराहों पर सीसीटीवी लगे हैं। साल के अंत तक सभी 15 सौ कैमरों को बदल दिया जाएगा। कई कैमरे पुराने हो गए हैं जिन्हें रिप्लेस करने का काम शुरू कर दिया गया। अब जो सीसीटीवी लगाए जाएंगे वह मॉडर्न और हाईटेक टेक्नोलॉजी के होंगे। इसके अलावा कैमरे को ऑपरेट करने वाले उसके सर्वर को भी अपग्रेड किया जा रहा है।

कई कैटेगरी में कैप्चर होगी फुटेज

जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि शहर में लगने वाले हाईटेक सीसीटीवी को वीएमएस सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा। अभी तक कैमरे को सर्विलांस में लेकर उसे मैनुअल देखा जाता रहा है। सॉफ्टवेयर की मदद से कैमरे में कैप्चर होनी वाली फुटेज को कई कैटेगरी में सर्विलांस पर लिया जा सकेगा।

ऐसे काम करेगा हाईटेक कैमरे

नए सीसीटीवी कई तरह से काम करेंगे। जैसे दृष्टि कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी को देखना है कि किस एरिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है, इसके लिए वह केवल सॉफ्टवेयर में सोशल डिस्टेंसिंग इंटर करेगा, इसके बाद उन इलाकों पर फोकस होगा, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। इसके अलावा वारदात को अंजाम देकर भाग रहे अपराधी की गाड़ी का नंबर नोट कर सॉफ्टवेयर में डालेंगे तो वह पूरी लोकेशन शो करेगा, जहां उस नंबर प्लेट की गाड़ी गुजरती होगी। यहीं नहीं कई बार रात में माहौल बिगाड़ने के लिए लोग दीवार में वॉल पेंटिंग और पोस्टर चस्पा कर देते हैं। इस सॉफ्टवेयर की मदद से वॉल पेंटिंग और पोस्टर चस्पा का अलर्ट मिल जाएगा।

फेस रिकेगनेशन का भी किया जाएगा यूज

जेसीपी क्राइम ने बताया कि सॉफ्टवेयर की मदद से फेस रिकेगनेशन पर भी काम किया जाएगा। इससे कैमरे की जद में आने वाले लोगों का फेस रिकेगनेशन कर क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी। साथ किसी वारदात के बाद आस-पास के माहौल में एक्टिव होने वाले अपराधियों को भी पकड़ने में मदद मिल सकेगी।

बॉक्स

यह है वीएमएस साफ्टवेयर

वीडियो प्रबंधन सॉफ्टवेयर (वीएमएस) कई निगरानी कैमरों से लाइव वीडियो रिकॉर्ड करने और देखने की अनुमति देता है। यह आईपी आधारित या एनालॉग कैमरों के साथ एक एनकोडर के साथ कैमरों को नियंत्रित करने और एक जगह से रिकॉर्डिंग प्राप्त करने के लिए भी होता है

कोट

दृष्टि परियोजना के तहत 280 चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। यह कैमरे पुराने हो गए हैं। उन कैमरे को रिप्लेस किया जा रहा है। नए कैमरे हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस हैं। इन कैमरों की फुटेज को जिस सर्वर पर ले जाया जाएगा उसे भी अपग्रेड किया जा रहा है। अभी तक मैनुअल फुटेज चेक की जाती है। नये साफ्टवेयर से फुटेज को डिजिटली चेक किया जा सकेगा, जिससे क्राइम के साथ-साथ कई अलग तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

- नीलाब्जा चौधरी, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, क्राइम