बदल रही पुलिस, बदलनी होगी 'पुलिसिंग'

पुलिस वीक के सेकंड डे स्ट्रंाग पुलिसिंग का मैसेज

-यूपी 100 में का अधिकारियों ने किया मुआयना

-मीटिंग में पीएस होम और डीजीपी ने दिये निर्देश

-एडीजी क्राइम और एडीजी टेक्निकल सर्विसेज का प्रजेंटेशन

LUCKNOW : पुलिस वीक इस बार थोड़ा हटकर मनाया जा रहा है। पिछले बरसों में रेडियो मुख्यालय और तिलक हाल में होने वाले कार्यक्रम अब यूपी 100 और लोकभवन में हो रहे हैं। शुक्रवार को पुलिस वीक के दूसरे दिन प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम देबाशीष पंडा और डीजीपी जावीद अहमद के नेतृत्व में सभी पुलिस अधिकारियों को यूपी 100 की वर्किंग से रूबरू कराया गया। बात पुलिस को स्ट्रांग करने की हो रही थीं। एडीजी क्राइम और एडीजी टेक्निकल सर्विसेज ने अलग-अलग प्रजेंटेशन से विवेचना में सुधार और फॉरेंसिक एविडेंस के कलेक्शन को और बेहतर बनाने के तरीके बताये। यह भी बताया गया कि पिछले तीन से चार सालों में पुलिस में क्या क्या बदलाव हुए हैं।

यूपी 100 में प्रजेंटेशन

यूपी पुलिस की शान बनी यूपी 100 की नयी बिल्डिंग में उद्घाटन के बाद पुलिस अधिकारियों की पहली मीटिंग हुई। मीटिंग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम और डीजीपी ने जिलों से आये पुलिस कप्तानों को यूपी 100 की वर्किंग को और स्मार्ट बनाने के बारे में बताया और उनकी जिम्मेदारियां भी बतायीं। यूपी 100 और पुलिस थानों के बीच कोऑर्डिनेशन को लेकर भी खास निर्देश दिये गये।

ताकि बच न पाएं क्रिमिनल्स

एडीजी क्राइम ने विवेचनाओं की सुधार को लेकर एक प्रजेंटेशन तैयार किया। जिसमें उन विवेचना के दौरान होने वाली गलतियों को प्वाइंट ऑउट किया, जिसका लाभ अपराधी को मुकदमे के ट्रायल के दौरान मिल जाता है। इसके साथ ही बदलते परिवेश में विवेचनाओं में और किन चीजों को शामिल करने से केस को मजबूत बनाया जा सकता है और अपराधी को संबंधित के में अधिक से अधिक सजा दिलायी जा सकती है। एडीजी क्राइम अभय प्रसाद के अलावा आईजी क्राइम भगवान स्वरूप, एडीशनल एसपी एसटीएफ डॉ। अरविंद चतुर्वेदी और इंस्पेक्टर पंकज मिश्रा ने विवेचनाओं में रह जाने वाली खामियों के बारे में बताया।

साइंटिफिक एविडेंस लेने भी रहें अलर्ट

यूपी 100 के सभागार में एडीजी टेक्निकल सर्विसेज राजकुमार विश्वकर्मा ने अपने में फॉरेंसिक एविडेंस के लिए पिछले सालों में प्रदेश सरकार की ओर से मुहैया सुविधाओं के बारे में बताया। किस तरह से एविडेंस को मूल रूप से एकत्र किया जा सकता है। कई बार अनावश्यक चीजें भी फारेंसिक एविडेंस के नाम पर जांच अधिकारी बटोर लाते हैं। डायरेक्टर फॉरेंसिक लैब एसबी उपाध्याय ने भी फॉरेंसिक एविडेंस के बारे में अधिकारियों को अवेयर किया।

ढाई गुना हुआ पुलिस का बजट

लोकभवन में प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम देबाशीष पंडा ने कहा कि पिछले दिनों में बेहतर पुलिसिंग के लिए काफी काम हुआ है। गाडि़यों में बढ़ोत्तरी की गयी, 1302 नयी बिल्डिंग बनी, पुरानी बिल्डिंग का सुंदरीकरण हुआ, नया यूपी 100 मिला, विभाग में भर्तियां हुई और पुलिस वेलफेयर से जुड़ी नयी चीजें हुई। पुलिस का बजट ढाई गुना बढ़ गया है और तेजी के साथ विभाग में काम हो रहा है। इससे ना सिर्फ पुलिस कर्मियों में विश्वास बढ़ा बल्कि पुलिस के प्रति पब्लिक का भी परसेप्शन चेंज होना शुरू हो गया है।

यादगार रहा पिछला एक साल

डीजीपी जावीद अहमद ने कहा कि पिछला एक साल यूपी पुलिस के लिए यादगार रहा है। यूपी 100 सिर्फ प्रदेश की ही नहीं देश की पुलिस के लिए एक नजीर बनेगा। अभी सिर्फ 11 जिलों को सेंट्रलाइज यूपी 100 का लाभ मिल रहा है। आने वाले दिनों में यह पूरे प्रदेश में काम करने लगेगा। इसकी विश्वसनीयता ही पुलिस की पहचान होगी। यह पुलिस के लिए चैलेंज का भी काम है जिसे पुलिस कर्मियों ने ना सिर्फ स्वीकार किया है बल्कि 20-22 दिनों के कम समय में कई ऐसी बड़ी घटनाओं को रोक कर इससे सबसे बेहतर सर्विस होना साबित भी किया है। डीजीपी ने पुलिस के बच्चों के लैपटॉप दिलाये जाने, अनाथालय और वृद्धाश्रम में पुलिस के साथ दीपावली मनाये जाने, फुट पेट्रोलिंग से भी पुलिस की छवि बदली है। पुलिस कर्मियों को ऐसी हरकतों से बाज आने को भी कहा जिससे पुलिस की छवि पर खराब असर पड़ता हो।