लखनऊ (ब्यूरो)। आम पब्लिक, खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ शहर के कई चौराहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाए जाएंगे। किसी भी आपातकालीन स्थिति में कॉल बॉक्स का बटन दबाते ही नजदीकी थाना की पुलिस चंद मिनटों में मौके पर पहुंच जाएगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरुआती दौर में करीब 15 चौराहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाया जाएगा ताकि महिलाओं के साथ राह चलते होने वाले अपराध, एक्सीडेंट, चेन स्नेचिंग आदि को ऑन स्पॉट रोका जा सके। इसके अलावा, कई चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सर्विलांस कैमरे भी लगाए जा रहे हैं, जिन्हें सीधे इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा। उसकी मॉनीटरिंग भी कंट्रोल सेंटर से की जाएगी।

15 चौराहों को किया चिन्हित

आईटीएमएस ने शहर के करीब 15 चौराहों को चिन्हित किया है, जहां इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाया जाएगा। इस कॉल बॉक्स को सीधे आईटीएमएस कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा। आपात स्थिति जैसे चेन स्नेचिंग, छेड़छाड़, लूट, चोरी, एक्सीडेंट होने पर बटन दबाते ही सीधे कंट्रोल सेंटर में मैसेज पहुंच जाएगा और वहां से नजदीकी पुलिस थाना व चौकी से तत्काल मदद पहुंच जाएगी। शुरुआती प्रोजेक्ट में 15 चौराहों को चिन्हित किया गया है, लेकिन आने वाले समय में उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। यह वे चौराहे हैं जहां ट्रैफिक ज्यादा होता। इसके बाद क्राइम जोन वाले एरिया के चौराहों को शामिल किया गया है।

मददगार होंगे सर्विलांस कैमरे

आईटीएमएस के तहत कई चौराहों पर लगाए जाने वाले सर्विलांस कैमरों की मदद से ऑन रोड होने वाले क्राइम को कंट्रोल करने में भी मदद मिलेगी, जिसमें ईव टीजिंग, चेन स्नेचिंग, लूट व चोरी आदि शामिल हैं। इसके अलावा, चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए जा रहे हैं, जो ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और लोगों को जागरूक करने मेें मददगार होंगे।

सेफ्टी नहीं कल्चर पर भी फोकस

स्मार्ट सिटी के तहत केवल सेफ्टी ही नहीं बल्कि इतिहास को भी सुरक्षित करने का काम किया जाएगा। कैसरबाग स्थित अमीरुद्दौला पब्लिक पुस्तकालय व भातखंडे संगीत पुस्तकालय में दुलर्भ पुस्तकों का डिजिटलीकरण किया जाएगा। पुस्तकालयों में उपलब्ध पुस्तकों का कैटलॉगिंग भी किया जाएगा। दोनों पुस्तकालयों के अलावा इन दोनों भवनों के सौंदर्यीकरण व मरम्मत का काम भी कराया जाएगा।