- मॉल में नेट वाली थैली में मिल रही सब्जी व फल

- नगर निगम ने बिग बाजार को दी चेतावनी

LUCKNOW: पॉलीथिन बैग के बैन होते ही पॉली प्रॉपलीन, नेट वाले बैग व लिफाफों की डिमांड कई गुना अधिक बढ़ गई है। जानकारी के अभाव में लोग पॉली प्रॉपलीन व प्लास्टिक की डोरियों से बने नेट के थैली का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि ये भी प्लास्टिक के ही हैं।

पर्यावरण के लिये नुकसानदायक

नगर निगम के पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण के अनुसार पाली प्रॉपलीन के बैग भी प्लास्टिक से ही बनते हैं। उनको देखकर लगता है कि वे कपड़े के हैं जबकि वह भी प्लास्टिक से ही बने हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को अभियान के दौरान कई जगहों पर दुकानदार पाली प्रॉपलीन के कैरीबैग यूज करते मिले लेकिन उनको इसकी जानकारी नहीं थी।

दी गई चेतावनी

गुरुवार को नगर निगम की टीम ने सहारागंज माल में जांच की तो ज्यादातर दुकानों में कागज या कपड़े के बैग आ गए। लेकिन, बिग बाजार में प्लास्टिक की नेट वाली थैलियों का इस्तेमाल सब्जियां व फल देने के लिए किया जा रहा था। साथ ही, पॉली प्रॉपलीन का भी प्रयोग मिला। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि ये भी बैन है। जिसके कारण बिग बाजार को इनका भी प्रयोग बंद करने को कहा गया है। ्र

रॉयल कैफे से पकड़ी पॉलीथिन

पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने बताया कि रायल कैफे में जूस पैक ले जाने की बात की तो कर्मचारी ने कहा कि पालीथीन मिल जाएगी। यही नहीं कैरी बैग भी उपलब्ध था। जिसके बाद सब जब्त कर लिया गया। इसमें पैकेजिंग की पॉलीथिन व ब्लैक और व्हाइट पॉलीथिन के कैरीबैग हैं। साथ ही आगे से पालीथीन बैग इस्तेमाल न करने की हिदायत दी गई है।

लिफाफे की डिमांड बढ़ी

पॉलीथिन कैरीबैग बैन होने के बाद प्रॉपलीन व कागज के लिफाफों की डिमांड काफी बढ़ गई है। पाली प्रापलीन के जितने बैग महीने भर पहले 100 रुपए में आते थे उनकी कीमत 250 रुपए से अधिक हो गई है। ऐशबाग स्थित चांद मिया के थोक की दुकान पर कागज के लिफाफों की डिमांड 8 से 10 गुना तक बढ़ गई है। डिमांड इतनी अधिक है कि पूरा करना मुश्किल हो रहा है। जिसके कारण महंगाई भी बढ़ी है। एक अन्य विक्रेता ने बताया कि पहले तीन रुपए के एक दर्जन लिफाफे मिल जा रहे थे जिनका रेट आठ रूपए पहुंच गया है। वह भी मिल नहीं पा रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत ठेले वालों को है क्योंकि वे छोटे सामान लिफाफे में ही भरकर बेचते हैं।