लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में फिर से निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैैं। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में चुनाव होने की संभावनाओं को देखते हुए संभावित प्रत्याशियों ने एक बार फिर से जहां अपने वोटर्स को साथ लाने की कवायद शुरू कर दी है, वहीं कई संभावित प्रत्याशियों ने टिकट के लिए शुक्रवार से ही जोर अजमाइश तेज कर दी है। कई ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हैं, जो अपनी पार्टी के स्थान पर दूसरी पार्टी से टिकट लेने की जुगत में लगे हैैं।

नए-नए बैनर्स लगवा रहे

पहले जहां संभावित प्रत्याशियों की ओर से अपने-अपने वार्डों में अपने नाम के बैनर पोस्टर्स लगा दिए गए थे, लेकिन बाद में निकाय चुनाव टलता देख, सभी बैकफुट पर आ गए थे। अब जब उन्हें पता चल चुका है कि अगले माह चुनाव हो सकते हैैं तो कई प्रत्याशियों ने नए सिरे से और नए अंदाज में अपने अपने वार्डों में बैनर पोस्टर लगाने का काम शुरू कर दिया है। जिससे वे लोग अधिक से अधिक अपने वोटर्स तक पहुंच सकें और अपना वोट बैैंक मजबूत कर सकें।

नए मोहल्लों पर विशेष फोकस

संभावित प्रत्याशियों की ओर से वार्ड में शामिल हुए नए मोहल्लों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। चूंकि अब यह तय है कि निकाय चुनाव निकट है, इस वजह से कई संभावित प्रत्याशी तो बकायदा नए मोहल्लों में जाकर नए-नए वोटर्स से मिल रहे हैैं और उनका भरोसा जीतने का प्रयास कर रहे हैैं। हालांकि वो कितना भरोसा जीत पाए, यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी।

रणनीति बनाने का काम शुरू

जो प्रत्याशी इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतर पा रहे हैैं और उनके स्थान पर उनकी पत्नी या घर का कोई अन्य सदस्य चुनावी मैदान में है, तो उसको लेकर पुराने प्रत्याशियों ने रणनीति बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। उनकी ओर से देखा जा रहा है कि वार्ड में कितने ऐसे वोटर्स हैैं, जो पहली बार अपने मताधिकार का यूज करेंगे। संभावित प्रत्याशियों का यही प्रयास है कि पहली बार मताधिकार का यूज करने वाले ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को साथ लाया जाए।

अपनी उपलब्धियां गिना रहे

संभावित प्रत्याशियों की ओर से जहां वोटर्स को भरोसा दिलाया जा रहा है कि अगर उनकी जीत होती है तो वे किस तरह से वार्डों में विकास कार्य कराएंगे। वहीं जो पुरानी प्रत्याशी फिर से मैदान में उतर रहे हैैं, उनकी ओर से अपने कार्यकाल की उपलब्धियां जनता के सामने रखी जा रही हैैं साथ ही उन्हें आश्वस्त किया जा रहा है कि जीत के आने के बाद उनकी ओर से किस तरह से वार्ड की प्रमुख समस्याओं को दूर कराया जाएगा। हालांकि एक बात जरूर है कि जनता का मूड भांपना आसान नहीं है। इस बार जनता का रुख किस प्रत्याशी की ओर से रहेगा, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा।