लखनऊ (ब्यूरो)। बलरामपुर अस्पताल में ओपीडी के दौरान कई बार बिजली गुल होने का सिलसिला लगातार जारी रहा। जिसकी वजह से एक ओर जहां मरीजों का पर्चा बनने में दिक्कत आ रही थी, तो दूसरी ओर एक्स-रे समेत अन्य जांचों के लिए मरीजों की लंबी लाइन लग गई। बार-बार बिजली जाने से मशीन ही नहीं चल पा रही थी।

कई मरीज बिना जांच के लौटे

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना दो हजार से अधिक मरीज दिखाने आते है। पर बुधवार सुबह से ही अस्पताल में बिजली का आना-जाना लगा रहा। लगातार बिजली की ट्रिपिंग से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन और एक्स-रे कराने वाले मरीजों को उठानी पड़ी। क्योंकि बार-बार बिजली जाने से मशीने ही नहीं शुरू हो पा रही थी। जिसकी वजह से मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। इस दौरान कई मरीज बिना जांच कराए ही लौट गए, जबकि कईयों को अगले दिन आकर जांच कराने के लिए कहा गया। सीएमएस डॉ। जीपी गुप्ता के मुताबिक, बिजली की समस्या थी पर यह हाइडल से ही फाल्ट था। जनरेटर चलाकर व्यवस्था कराई गई थी। किसी मरीज को कोई समस्या नहीं हुई है।

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राजधानी में मिले कोरोना के 10 मरीज

राजधानी में बुधवार को 10 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि 9 मरीजों ने कोरोना को मात दी। शहर में कोरोना के 93 एक्टिव केस रह गये हैं। सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल ने बताया कि सभी एक्टिव मरीज होम आईसोलेशन में हैं। इसमें 95 फीसदी मरीज बिना लक्षणों वाले हैं, जबकि पांच फीसदी मरीजों में हल्के सर्दी-जुकाम व बुखार के लक्षण हैं। कोरोना के सबसे ज्यादा तीन मरीज इंदिरानगर इलाके में मिले, जबकि 2-2 मरीज अलीगंज, कैसरबाग और रेडक्रास इलाके में मिले। एक मरीज चिनहट इलाके का है।

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लोकबंधु में जेई के इलाज के लिए 4 बेड का वार्ड शुरू

संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय में इंसेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर को सेकेंड फ्लोर पर पीडिया वार्ड के पास बनाया गया है, जिसमें जैपनीज एंसेफेलाइटिस का बचाव एवं उपचार मिलेगा। बच्चों के इलाज के लिए पूर्ण रूप से 4 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। सीएमएस डॉ। एसके सक्सेना ने बताया इस वार्ड की गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने की जिम्मेदारी डॉ। कमल कुमार वर्मा को सौंपी गई है। इसके अलावा, उन्होंने संगोष्ठी के माध्यम से मरीजों एवं तीमारदारों को इस रोग से बचाव के लिए जरूरी जानकारी दी। साथ ही, टीम तैयार कर आसपास की बस्तियों में रोग से बचाव के लिए मच्छरों जनित रोगों के बारे में जानकारी और इसके रोकथाम के उपायों के बारे में विस्तार से बताया। एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि यह एक मच्छर जनित बीमारी है, जिसके मुख्य लक्षण बुखार, उल्टी, दिमाग की झिल्ली में सूजन वगैरह हैं। यह एक जानलेवा बीमारी है। अस्पताल में इस रोग के उपचार के लिए चिकित्सक एवं नर्सिंग टीम को ट्रेनिंग दिलाई गई है।