- साइबर क्राइम टीम ने पश्चिम बंगाल से किया गिरफ्तार

LUCKNOW:

यूपी पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने रिटायर कर्मचारियों के पेंशन खाते में सेंध लगाने वाले शातिर साइबर अपराधी प्रमोद मंडल को एक साथी समेत रविवार को गिरफ्तार किया। झारखंड निवासी दोनों शातिर कोलकाता में ठिकाना बनाकर ठगी का गिरोह चला रहे थे।

पुलिसवालों को भी ठगा

साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक प्रमोद मंडल रिटायर सरकारी कर्मचारियों से फोन पर उनकी निजी जानकारी लेकर बैंक खातों से ऑनलाइन रुपयों की ठगी करने का गैंग चलाता है। उसे कोलकाता से साथी मंटू कुमार मंडल संग गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ चार पुलिस कर्मियों समेत दर्जनों लोंगों ने ठगी के मुकदमें दर्ज करा रखे थे। इन्हें मोबाइल नंबरों, बैंक खाते की डिटेल आदि की मदद से पकड़ा गया है।

5.16 करोड़ की ठगी

गैंग ने धोलपुर राजस्थान के अभिषेक राजपूत, पुणे के जयंत मणिकर और तेलंगाना, मिर्जापुर, औरैया आदि जिलों के लोगों के भी ठगा है। ये हजरतगंज थाने और थाना साइबर क्राइम परिक्षेत्र वाराणसी में दर्ज मुकदमों में भी वांछित थे। इन्होंने करीब 5.16 करोड़ रुपए की ठगी की है।

खाते की लेते थे जानकारी

प्रमोद मंडल के मुताबिक गैंग सरकारी रिटायर कर्मियों के डाटा को ओपन सोर्स से ऑनलाइन चुराकर पेंशन धारकों को फोन करके पेंशन व खाता अपडेट करने की बात कहकर फंसाता था। निजी जानकारी लेने के बाद उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सुविधा एक्टिवेट कर उसमें अपने मोबाइल नंबर डाल देते थे। जिससे पैसा निकलने का मैसेज पीड़त तक न पहुंचे।

इन पुलिसवालों से की ठगी

साइबर क्राइम थाना लखनऊ पर पुलिस पेंशन धारक महिला हेड कांस्टेबल एस्टरडीन ने पिछले दिनों करीब 9 लाख रूपये और सब इंस्पेक्टर रामलखन चौधरी ने 10 लाख ठगी होने की शिकायत की थी। वहीं सब-इंस्पेक्टर छोटे लाल खां से 11 लाख और सब-इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह से करीब 10 लाख की ठगी की गई थी। गिरफ्तार किए गए लोगों से 13 मोबाइल, 7 बैंकों के एटीएम कार्ड, 13 सिम कार्ड, तीन आधारकार्ड आदि बरामद हुए हैं।

अब तीनों प्रमोद मंडल गिरफ्तार

गैंग के असली मास्टर माइंड प्रमोद मंडल को पकड़ने गई पुलिस ने झारखंड जामताड़ा से दो अलग-अलग प्रमोद मंडल को गिरफ्तार किया था। उन्हीं को गैंग का मास्टर माइंड बताया गया था लेकिन असली मास्टर माइंड प्रमोद मंडल पुलिस की पकड़ से दूर था। अब तीनों प्रमोद मंडल गिरफ्तार हो गए हैं।