- सरकार के आदेश के बाद मेडिकल कॉलेजों ने शुरु की तैयारी

- चरणबद्ध तरीके से बढ़ेगी मरीजों की संख्या

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रुष्टयहृह्रङ्ख: राजधानी समेत पूरे प्रदेश में कोरोना केसेज में लगातार आ रही कमी को देखते हुए सरकार ने मेडिकल सेवाओं को दोबारा शुरु करने का आदेश शुक्रवार को जारी किया है। जिसके बाद होल्डिंग एरिया खत्म करते हुए इमरजेंसी में सीधे मरीज भर्ती किए जाएंगे। इसके अलावा ओपीडी में मरीजों की संख्या का प्रोटोकॉल भी खत्म होगा। केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान प्रशासन द्वारा आदेश मिलने के बाद तैयारियां तेज कर दी गई है।

सभी जगह मिलेगा इलाज

गौरतलब है कि राजधानी के सभी मेडिकल कालेजों में एक निश्चित संख्या में मरीज ओपीडी में देखे और भर्ती किए जा रहे रहे हैं। मरीजों को इसके लिए पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तक करवाना होता है। जिसके चलते काफी लंबी वेटिंग शुरु हो गई थी। लेकिन, सरकार के निर्णय के बाद अब मरीज केजीएमयू, लोहिया व पीजीआई में कभी भी जाकर डॉक्टर को दिखा सकेंगे। अभीतक केजीएयमू सहित कई चिकित्सा संस्थान में एक विभाग में 75 से 100 मरीज ही देख रहे थे। गंभीर रोगियों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब उन्हें काफी राहत मिल जाएगी।

अस्पतालों में सीधे भर्ती होंगे मरीज

केजीएमयू में कोरोना को देखते हुए होल्डिंग एरिया वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग में बनाया गया था। यहां मरीजों को भर्ती कर कोरोना जांच कराने के बाद भर्ती किया जाता है। ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ। संदीप तिवारी के मुताबिक अब ट्रॉमा सेंटर परिसर में ट्रॉयज कम रिश्पेशन एरिया बनाया जाएगा। यहां कोरोना जांच होगी। फिर मरीज को सर्जिकल या मेडिसिन यूनिट में रेफर किया जाएगा। साथ ही पुराने पार्किंग एरिया में रैन बसेरा बनाया गया है। ताकि ज्यादा तीमारदार आराम से रूक सकें।

बढ़ेगी मरीजों की संख्या

वहीं केजीएमयू प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि सरकार के आदेश को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। जिसके तहत जल्द ही सुपर स्पेशलिटी में अब 100 मरीज और अन्य विभागों में 200 मरीज डेली देखें जा सकेंगे। इसके लिए रेड और ग्रीन जोन में बांटकर मरीजों का इलाज किया जाएगा। जिन मरीजों को बुखार, जुखाम सहित अन्य कोविड लक्षण होंगे उन्हें इलाज कराने के लिए कोरोना की जांच रिपोर्ट भी देनी होगी। ग्रीन जोन में उन मरीजों को रखा गया है, जिनमें कोरोना संबंधित कोई लक्षण नहीं है। लेकिन बिना लक्षण वाले किसी मरीज में प्रोसीजर की जरूरत होती है तो उनकी कोरोना जांच अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के अलावा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी होगा।

शिफ्ट होंगे कई वार्ड

दूसरी ओर लोहिया संस्थान में भी ओपीडी में मरीजों की संख्या को बढ़ाने की दिशा में प्लान बनाया जा रहा है। प्रवक्ता डॉ। श्रीकेश सिंह के मुताबिक मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल में कोरोना मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। एक हिस्से को कोविड एरिया छोड़कर बाकि हिस्से को नॉन-कोविड बनाया जायेगा। ऐसे में जल्द ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, पीडियाट्रिक सर्जरी और इंडोक्राइन सर्जरी विभाग वहां पर शिफ्ट किए जा सकते हैं। दूसरी ओर पीजीआई प्रशासन द्वारा मरीजों की भर्ती प्रक्रिया को सरल करने पर प्लानिंग की जा रही है।