लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू वीसी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। संस्थान में तमाम अनियमितताओं को लेकर लगातार नोटिस आ रही हैं। वहीं, अब वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के मामले में चल रही लोकायुक्त जांच की रिपोर्ट दाखिल न होने का मामला राष्ट्रपति सचिवालय तक पहुंच चुका है। राष्ट्रपति सचिवालय से पत्र आने के बाद सीएम के संयुक्त सचिव भास्कर पांडेय ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को इस मामले में कार्यवाही कराने और इसकी सूचना देने को कहा है, जिसने केजीएमयू प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

जानकारी देने को कहा

सीएम के संयुक्त सचिव भास्कर पांडेय की ओर से चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजे गए पत्र में 10 जून 2022 को राष्ट्रपति सचिवालय से मिले पत्र का हवाला देते हुए प्रकरण में नियमानुसार शीघ्र कार्यवाही कराने और की गई कार्यवाही से अवगत कराने के लिए कहा गया है। दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकांत सिंह ने केजीएमयू वीसी के खिलाफ कई मामलों को लेकर शपथपत्र देकर शिकायत की थी।

यह था पूरा मामला

इस शपथपत्र के आधार पर लोकायुक्त ने जून 2021 में जांच शुरू की थी। इस जांच में महंगी दर पर कोरोना की जांच किट खरीदे जाने, केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कम काबिल व्यक्ति चुनने तथा केजीएमयू में शोध सहायक व शोध अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती के प्रावधान के बजाय एक शोध सहायक को शोध अधिकारी के पद पर पदोन्नति देने का आरोप लगाया गया है। मामले में जांच भी शुरू हो गई थी, लेकिन इसके बाद कार्यवाही आगे बढऩे का नाम नहीं ले रही है। इसको लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। जिसके बाद पूरा प्रकरण गवर्नर के बाद अब राष्ट्रपति सचिवालय तक पहुंच गया है।