लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में चोरी, लूट, मर्डर जैसी संगीन वारदातों का खुलासा करने में प्राइवेट सीसीटीवी कैमरे भी पुलिस के बड़े मददगार साबित हो रहे हैं। ये कैमरे न सिर्फ अपराधियों की धड़पकड़ करने में मदद कर रहे हैं बल्कि ये अपराधियों का हर गली मोहल्ले, बाजारों और हाईवे तक पीछा कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते दिनों चेन स्नेचिंग, ऑटो लिफ्टिंग, मर्डर व लूट की वारदात में शामिल क्रिमिनल्स की अरेस्टिंग पुलिस की जगह प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों की मदद से की जा सकी है।

कमांड कंट्रोल से जुड़े हर कैमरा

हाल में इंदिरा नगर में हुई रिटायर्ड आईएएस की पत्नी के हत्या की वारदात इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जिसका खुलासा सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से हो सका था। घरों व संस्थानों में रोड साइड लगे प्राइवेट सीसीटीवी कैमरे न केवल पुलिस के लिए मददगार बन रहे हैं बल्कि अगर उन्हें कमांड कंट्रोल से कनेक्ट कर दिया जाए तो वह प्लेस भी सेफ रहेगी क्योंकि उसकी निगरानी कमांड कंट्रोल से लगातार की जा सकेगी। प्राइवेट कैमरे को इंट्रीग्रेटेड करने के लिए पुलिस के साथ-साथ नगर निगम भी लोगों से लगातार अपील कर रही है।

सरकारी से ज्यादा प्राइवेट कैमरे आ रहे काम

पुलिस, नगर निगम व अन्य विभागों के सीसीटीवी कैमरे प्रमुख चौराहों व मेन प्वाइंट पर लगे हैं, जबकि हर गली मोहल्ले में पुलिस व सरकारी कैमरों की पहुंच नहीं है। अक्सर क्राइम की वारदात कर क्रिमिनल्स गली मोहल्ले के रास्ते फरार हो जाते हैं। ऐसे में प्राइवेट कैमरे पुलिस के लिए मददगार बनकर सामने आए हैं। रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या के मामले में पुलिस ने करीब चार सौ कैमरे की फुटेज खंगाली गई, जिसमें पुलिस व नगर निगम के लगाए 70 कैमरे खराब मिले। पुलिस को जो लीड मिली वह एक प्राइवेट कैमरे की वजह से थी, जिसके बाद अपराधियों को दबोचा जा सका।

केस 1

ऑडी चोरी करने वाले की खुली पोल

27 अप्रैल 2024 को राजधानी के विभूतिखंड में निर्माण निगम के बाहर से एक ऑडी कार चोरी हो गई। गाड़ी मालिक अंकुर श्रीवास्तव ने थाने में कार चोरी की सूचना दी। पुलिस सक्रिय हुई लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था, जिससे गाड़ी कौन ले गया यह पता चल सके। डीसीपी ईस्ट प्रबल प्रताप सिंह के मुताबिक, उन्होंने उस क्षेत्र के आसपास लगे करीब 150 कैमरे खंगाल और फिर उसमें गाड़ी चोर का पता चल गया। गोमती नगर व विभूतिखंड इलाके में लगे 150 कैमरों में ये ऑडी कार कैद हो गई। दरअसल, बीमा क्लेम पाने के लिए गाड़ी मालिक अंकुर ने ही अपनी ऑडी को चुराने का ढोंग रचा था।

केस 2

बाइकर्स गैंग ने की चेन स्नेचिंग

शहीदपथ पर बाइकर्स गैंग ने महिला की चेन स्नेचिंग की और फरार गए। सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस एक्टिव हुई और राजधानी में लगे एआई सीसीटीवी कैमरों को स्नेचर्स की तलाश में लगा दिया गया। ये वे कैमरे थे जो गाड़ी की नंबर प्लेट और राइडर के चेहरे के आधार पर फुटेज कैप्चर कर लेता है। जैसे ही इन कैमरों को इनपुट मिला तो करीब 300 कैमरों ने इस स्नेचर को कैप्चर कर लिया। स्नेचर जिस गली मोहल्ले और बाजार से गुजरा कैमरों ने तत्काल पुलिस को अलर्ट भेज दिया। आखिरकार पुलिस ने उस स्नेचर को दबोच लिया।

केस 3

घरों में लगे कैमरे की मदद पकड़ा चोर

ठाकुरगंज के फरीदी नगर इलाके में 3 जून को चोरों ने शटरिंग कारोबारी के घर चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। 4 जून को पुलिस ने चोरी की एफआईआर दर्ज की और इलाके में लगे करीब 200 सीसीटीवी फुटेज खंगालकर चार आरोपी पकड़े। सभी कैमरे मकानों व शॉप पर लगे थे। जिसकी मदद से पुलिस ने चार चोरों को गिट्टी प्लॉट सर्विस रोड फरीदीपुर के पास से गिरफ्तार किया। उनके पास से चोरी किए गए 9 लाख रुपये कीमत की ज्वैलरी और 35 हजार कैश भी बरामद हुआ।

केस 4

घर के पास लगे कैमरे से मिली लीड

इंदिरा नगर सेक्टर 20 में रहने वाले रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी की हत्या करने के बाद बदमाशों ने करीब एक करोड़ रुपये कीमत की ज्वैलरी लूटी थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो चौराहों पर लगे सरकारी कैमरे की जगह इंदिरा नगर में लगे मकानों में लगे कैमरों की फुटेज से पुलिस को लीड मिली। इसी की मदद से पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले उनके ड्राइवर अखिलेश और उसके साथी को गिरफ्तार कर लूटी गई एक करोड़ की ज्वैलरी भी बरामद की थी।

100 ऑटो लिफ्टर को फुटेज से पकड़ा

डीसीपी प्रबल प्रताप सिंह के मुताबिक, बीते पांच माह में करीब 100 गाड़ी चोर सीसीटीवी कैमरों में कैद हुए, जिन्हें सरकारी के साथ-साथ लोगों के घरों व संस्थानों में लगे कैमरे की फुटेज की मदद से पकड़ा जा सका। लखनऊ पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, करीब 500 मामलों में शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस ने केस सुलझाए है।

पब्लिक को भी निभानी होगी अपनी जिम्मेदारी

कई बार घरों व संस्थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब हो जाते हैं। अगर कैमरा खराब है तो उसे तत्काल सही कराए, क्योंकि पता नहीं कब आपका कैमरा किसी अपराध या अपराधी को कैद कर ले और पुलिस का मददगार बन जाए। इसके अलावा, आपकी सेफ्टी के लिए भी कैमरे का सही होना जरूरी है। प्राइवेट कैमरे के लिंक को कमांड कंट्रोल सेंटर से इंट्रीग्रेटेड कर दिया जाए तो उससे आपकी गोपनीयता भंग नहीं होगी बल्कि आप की सुरक्षा बढ़ सकती है।