- राजधानी के लोगों ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए पॉलीथिन पर बैन सही

LUCKNOW: पॉलीथिन पर बैन के फैसले का लखनवाइट्स दिल खोल कर स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि पॉलीथिन के फायदे तो बहुत हैं लेकिन अगली पीढ़ी को इसके दुष्परिणामों से बचाने के लिए इस पर बैन जरूरी था। लोगों ने कहा कि पॉलीथिन के खिलाफ अभियान तब तक चलाया जाना चाहिए जब तक यह पूरी तरह चलन से बाहर न हो जाए। आइये जानते हैं पॉलीथिन के बारे में लखनवाइट्स की राय

जानवरों पर भी खतरा

पॉलीथिन से पर्यावरण चक्र प्रभावित हो रहा है। यह मनुष्य ही नहीं जानवरों के लिए भी खतरनाक है। पॉलीथिन शहर से निकल कर जंगलों तक पहुंच रही है। इसे तो बहुत पहले ही बैन किया जाना चाहिए था। लेकिन जब जागे तभी सवेरा। अब हमें इसके दुष्परिणामों का सामना नहीं करना होगा।

आदित्य, राजेन्द्र नगर

पर्यावरण संरक्षण प्राथमिकता

पॉलीथिन के प्रतिबंध से परेशानियां बढ़ी हैं। पहले हम खाली हाथ बाजार जाते थे और पालीथिन में सामान ले आते थे। अब ऐसा नहीं है। लेकिन इन दिक्कतों से ऊपर पर्यावरण संरक्षण है। इसमें सभी की भलाई है। ऐसे में सभी को पॉलीथिन बैन को प्रमोट करना चाहिए।

उत्तम कपूर, इंदिरा नगर

नालियां चोक हो गई

शहर के अधिकतर नाले पॉलीथिन के चलते चोक हैं। इसके नुकसान को जानते हुए भी इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा था। अब बैन लगा है। सभी जगह इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। शहर की जनता भी पॉलीथिन बैन का सपोर्ट कर रही है।

नवीन, गोमती नगर

कैंसर का कारण है पॉलीथिन

14 तरह के कैंसर का कारण पॉलीथिन है। इसके अलावा पॉलीथिन से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा था। ऐसे में पॉलीथिन पर प्रतिबंध जरूरी था। पॉलीथिन से हमें थोड़ी राहत जरूर थी लेकिन ऐसी सुविधा किस काम की जो कल मानव जीवन के लिए ही घातक बन जाए।

शहनवाज, हजरतगंज

झोला ले जाना नहीं भूलते

अब दूध, दही या अन्य लिक्विड आइटम खरीदने के लिए घर से बर्तन ले जाना पड़ता है। वहीं सब्जी खरीदने के लिए झोला साथ लाना पड़ता है। धीरे-धीरे आदत पड़ रही है। लेकिन पॉलीथिन जैसे खतरनाक आइटम को चलन से बाहर करने के लिए यह दिक्कतें मामूली हैं।

पवन त्रिपाठी, कृष्णा नगर