13 फीसदी तक बढ़ी ग्रामीण वाणिज्यिक बिजली दर

7.24 फीसदी अधिक बिजली दर चुकाएंगे व्यापारी

3.99 फीसदी अधिक बिजली दर चुकाएंगे छोटे उद्यमी

3.18 फीसदी औसत है बिजली दरों की बढ़ोतरी

- उ.प्र। विद्युत नियामक आयोग ने घोषित की नई बिजली दरें

- घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों की बिजली दरों में बदलाव नहीं

LUCKNOW: चुनावी साल में उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को तो राहत दी है, लेकिन व्यापारियों और उद्यमियों को महंगी बिजली का झटका दे दिया है। मौजूदा दरों में औसतन 3.18 फीसद बढ़ोतरी की है। इनमें व्यापारियों की 7.24 व लघु-मध्यम उद्यमियों की दर में 3.99 परसेंट तक की बढ़ोतरी की गई है। आयोग ने किसानों के निजी नलकूपों की दरें यथावत रखी हैं और बुंदेलखंड के किसानों के बिल को भी कम किया है। सबसे ज्यादा राहत पश्चिमांचल के उपभोक्ताओं को रेग्यूलेटरी सरचार्ज में कमी कर दी है।

बुंदेलखंड को राहत

विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने सोमवार को मौजूदा वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए बिजली की नई दरें घोषित करते हुए बताया कि कारपोरेशन ने टैरिफ प्रस्ताव में 5.75 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, सभी घरेलू उपभोक्ताओं और सिंचाई में इस्तेमाल होने वाले निजी नलकूप व पंपसेंट की बिजली की मौजूदा दरों को यथावत रखा गया है। बुंदेलखंड के किसानों के निजी नलकूपों का न्यूनतम भुगतान 160 से घटाकर 10 रूपए प्रति बीएचपी प्रति माह करते हुए राहत दी है।

बड़े उद्योगों को राहत

बड़े व भारी उद्योगों की बिजली दरें नहीं बढ़ाई गई हैं, लेकिन लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों की दरों में औसतन 3.99 फीसद की बढ़ोतरी की है। कामर्शियल (व्यावसायिक) में 7.24 परसेंट तक की भारी बढ़ोतरी की गई है। इससे छोटे व्यापारियों, दुकानों के बिजली बिल में काफी इजाफा हो जाएगा। सरकारी ट्यूबवेल व पंप की दर में 7.55 फीसद, मार्ग प्रकाश व जल संस्थानों की दर में 8.83, सार्वजनिक व निजी संस्थानों, अस्थाई कनेक्शन व मेट्रो रेल की दरों में औसतन 5.33 परसेंट तक की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा ग्रामीण वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के बिल में 13 परसेंट तक की भारी बढ़ोतरी की गई है।

पश्चिमांचल का सरचार्ज कम

रेगुलेटरी सरचार्ज 2 मध्यांचल, पूर्वाचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर वर्तमान की भांति 4.28 परसेंट ही लगता रहेगा। जबकि पश्चिमांचल ने बिजली चोरी पर अंकुश लगाते हुए बेहतर प्रदर्शन करने पर उपभोक्ताओं के रेगुलेटरी सरचार्ज अब 4.28 के बजाय 3.03 परसेंट ही देना होगा। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं के बिल में कमी आएगी।

रोलिंग मिल्स को राहत

अभी तक आयोग की ओर से रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच चलने वाली मिलों को 7.5 परसेंट का डिस्काउंट मिलता था। इसे बढ़ाकर 20 परसेंट करते हुए रोलिंग मिल्स को यह छूट 24 घंटे की गई है। इन मिल्स में स्टील कारखाने, फर्नेसेस, स्ट्रेप से लोहा बनाने वाली सहित अन्य मिल्स को फायदा पहुंचेगा।

सोलर प्लांट लगाने पर ज्यादा फायदा

आयोग अध्यक्ष ने बताया कि एलएमवी 2 कैटेगरी के कामर्शियल उपभोक्ताओं को खपत के बराबर पावर का सोलर प्लांट लगाने पर मिनिमम कंजप्शन गारंटी चार्ज नहीं लगेगा। अन्य घरेलू व कामर्शियल सोलर पैनल लगाकर ग्रिड से कनेक्ट होने पर अतिरिक्त बिजली को साल में एक बार वापस किया जाएगा। जिसके लिए अभी तक बिल में 50 पैसे प्रति यूनिट तय था इसे बढ़ाकर अब 2 रुपए प्रति यूनिट कर दिया गया है। इसके अलावा एडवांस बिल में ब्याज मिलना जारी रहेगा। ब्याज उतना ही लगेगा जितना जमा करने के दिन था। प्रीपेड में 1.28 परसेंट की लागू रहेगी। अनमीटर्ड में 10 परसेंट बिल बढ़ोतरी पर लगी रोक जारी रहेगी।

उपभोक्ता आयोग दाखिल करेगा याचिका

उ.प्र। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि घरेलू व किसानों की बिजली दरों में कमी के लिए पूरे साक्ष्य थे जिनके आधार पर बिजली दरों में कमी की जानी चाहिए थी। जबकि आयोग ने ऐसा नहीं किया। इसके विरोध में जल्द ही आयोग में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। आयोग ने पावर कारपोरेशन के दबाव में सिस्टम लोडिंग चार्ज को एक साल तक और वसूलने के कारपोरेशन को परमीशन दे दी है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यक उपभेाक्ताओं के मिनिमम चार्ज में केवल कटौती की गई है, जबकि आयोग ने इसे पूरी तरह से खत्म करने का आश्वासन दिया था। उधर बुदेलखंड के अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की बिजली दरों में भी प्रति बीएचपी प्रति माह की 60 रूपए की कटौती काफी कम है। इसे भी कम से 76 परसेंट कम होना चाहिए।

कुल टैरिफ बढ़ोत्तरी

वर्ष --कुल बढ़ोत्तरी

2012-13 17.60 परसेंट

2013-14 6.58 परसेंट

2014-15 8.90 परसेंट

2015-16 5.47 परसेंट

2016-17 3.18 परसेंट

प्रभावी औसतन टैरिफ

कैटेगरी--पहले ---अब --बढ़ोत्तरी (परसेंट में)

रेजीडेंशियल --3.90--3.91--.07

एग्रीकल्चर (निजी)-1.50--1.50-00

एग्रीकल्चर (वाणिज्यिक व सरकारी)-7.72--8.30--7.55

बड़ी इंडस्ट्री- 7.47--7.47-00

स्माल इंडस्ट्री--7.54--7.84--3.99

कामर्शियल- 7.47--8.01--7.24

गवर्नमेंट यूजर्स--7.62--8.29 --8.83

अदर्स-7.40--7.80--5.33

टोटल टैरिफ--5.29--5.46 --3.18