लखनऊ (ब्यूरो)। ट्रेनों में चोरी, लूट और जहरखुरानी की वारदातें आम होती जा रही हैं। ट्रेनों में यात्रियों का सामान कितना सुरक्षित रहता है, इसपर हमेशा से सवालिया निशान रहा है। पर तब क्या हो, जब रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले कर्मी ही चोरी की वारदात को अंजाम देने लगें। आपको सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लगा होगा, लेकिन सच्चाई यही है। यह हम नहीं बल्कि चारबाग जीआरपी पुलिस की जांच में सामने आया है। दरअसल, जीआरपी ने एक ऐसे गैंग के दो लोगों को पकड़ा है, जो पार्सल के पैकटों से सामान चोरी किया करता था। आरोपियों से आठ मोबाइल बरामद किए गए हैं।

पार्सलों से मोबाइल करते थे चोरी

थाना जीआरपी चारबाग को शिकायत मिली थी कि दिल्ली से आने वाले (लखनऊ मेल) पार्सलों के पैकेट को खोलकर उनमें से मोबाइल चोरी कर लिया गया है। ऐसे में ट्रेनों में चोरी, लूट, जहरखुरानी की आए दिन बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए चारबाग जीआरपी इंस्पेक्टर संजय खरवार के सुपरविजन में जांच शुरू की गई। जिसके बाद टीम ने एनईआर प्लेटफार्म नंबर-6 के अंतिम छोर के पास से बंथरा के रहने वाले रजनेश कुमार (26) और आशीष रावत (27) को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से करीब दो लाख रुपये की कीमत के आठ मोबाइल बरामद किए गए।

लखनऊ जंक्शन पर करते थे काम

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे नार्थ इस्टर्न रेलवे (एनईआर) लखनऊ जंक्शन पर पार्सल पर आने वाले सामान की लोडिंग-अनलोडिंग का काम करते हैं। पिछले कुछ समय से लखनऊ मेल में दिल्ली से आने वाले पार्सलों में से पैकेट खोलकर मोबाइल चोरी करने का काम कर रहे हैं। आरोपियों के पास से मिले दोनों मोबाइल भी पार्सल से चोरी के थे। पुलिस ने सख्ती बरती तो पता चला कि आरोपी रजनेश के घर पर चोरी के मोबाइल रखे हैं। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के घर से अलग-अलग कंपनियों के छह मोबाइल बरामद किए। इन आरोपियों को उस दौरान पकड़ा गया जब वे मोबाइल बेचने जा रहे थे। चारबाग जीआरपी एसीपी संजीव कुमार सिन्हा का कहना है कि ट्रेनों में होनी वाली चोरी, लूट, जहरखुरानी के मामले में आरोपियों को लगातार गिरफ्तार किया जा रहा है। बता दें कि चारबाग स्टेशन पर रोजाना 250 से अधिक टे्रनों का आवागमन होता है। हर ट्रेन में एक बोगी पार्सल के फिक्स होती है। ऐसे में इन सामानों की जिम्मेदारी रेल कर्मियों की होती है।