लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के कई इलाकों में अंडरग्राउंड वॉटर लेवल डाउन होता जा रहा है, पर इसे मेनटेन रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। राजधानी के 90 फीसदी घरों में अभी तक रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया जा सका है, जिसकी वजह से बारिश का पानी नाले-नालियों में बह जाता है। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर कई बार योजनाएं बनाई गईं, लेकिन नतीजा सिफर रहा। इतना ही नहीं, भवन स्वामियों की ओर से भी इस दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही।

एक भी योजना इंप्लीमेंट नहीं

भूगर्भ जल स्तर मेनटेन करने के लिए योजनाएं तो कई बनती हैैं, लेकिन एक भी योजना को इंप्लीमेंट नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से पानी संकट की स्थिति लगातार विकराल होती जा रही है। अगर जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो निश्चित रूप से हर किसी को एक-एक बूंद पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। नगर निगम हो या एलडीए, दोनों ही विभागों की ओर से कई बार रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर योजना बनाई गई, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। दोनों ही विभागों की कार्य योजना फिलहाल कागजों में ही सिमट कर रह गई है।

200 दिन का संकट दूर

अगर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिए जाएं तो हर साल एक लाख लीटर पानी बच सकता है। उदाहरण के लिए अगर एक हजार वर्ग फुट के मकान में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगा दिया जाए तो इससे इतना पानी बचेगा, जिससे 150 से 200 दिन तक एक फैमिली को पानी संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। बता दें कि राजधानी के लगभग सभी इलाकों में तेजी से जलस्तर गिर रहा है। जिसकी वजह से हैैंडपंप जवाब दे रहे हैैं। परिणामस्वरूप जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। आलमबाग, इंदिरानगर, मडिय़ांव, कुकरैल, सरोजनी नगर समेत कई इलाकों में जलस्तर तेजी से गिरा है। जिसकी वजह से लोगों के घरों में लगी बोरिंग तक फेल हो रही है।

ये हैैं पानी के स्रोत

675 नलकूप सभी वार्ड मिलाकर

141 ओवरहेड टैैंक से होती है पानी सप्लाई

38 जोनल पंपिंग स्टेशन हैैं

पिछले साल बनी थी योजना

राजधानी के लगातार गिरते भूजल स्तर के ग्राफ को मेनटेन करने के लिए एलडीए की ओर से पिछले साल कवायद शुरू की गई थी। एलडीए की ओर से पहली बार भूजल स्तर दुरुस्त रखने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया था। इस प्लान को कई बिंदुओं के आधार पर तैयार किया गया था।

सालाना बचाएंगे एक लाख लीटर पानी

एक हजार वर्गफुट के मकान की छत से सालाना एक लाख लीटर पानी बचाये जाने की योजना थी। इसके लिए उक्त छतों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने थे। इसके लिए एक हजार वर्गफुट के मकानों को चिन्हित करने का काम भी शुरू कर दिया गया था। हालांकि, इस दिशा में अभी तक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आए।

स्टेटस-फिलहाल किसी घर में रेन वॉटर सिस्टम नहीं लगा है।

चलाया जाना था अभियान

वर्षा जल संचयन अभियान चलाया जाना था। इसके अंतर्गत पब्लिक को भी जल संचयन के प्रति जागरूक किए जाने की तैयारी थी।

स्टेटस-अभी तक जागरूकता संबंधी कदम उठाये जाने का इंतजार है।

200 दिन तक के लिए पर्याप्त

एलडीए की ओर से तैयार मास्टर प्लान में यह भी साफ था कि सालाना एक लाख लीटर पानी की बचत होने से 4 सदस्यीय फैमिली के लिए 200 दिन तक पानी पर्याप्त रहेगा। मतलब इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त कदम से राजधानी की जनता को कितनी बड़ी राहत मिल सकी थी।

पार्कों में भी प्लानिंग

एलडीए और नगर निगम की ओर से आवासीय और कॉमर्शियल बिल्डिंग्स के साथ-साथ पार्कों में भी जल संचयन की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जाने की तैयारी की गई थी। एलडीए की ओर से पहले तो पार्कों का सौंदर्यीकरण कराया जाना था फिर उसमें जल संचयन संबंधी इंतजाम किए जाने थे। जिससे हर स्तर पर पानी की बचत हो सके। वहीं नगर निगम को भी इस दिशा में कदम उठाने थे।

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम योजना को इंप्लीमेंट करने संबंधी तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही पब्लिक को भी जागरूक करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए