लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेशभर के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने जा रही है। यह राहत नई तकनीकि बेस्ड स्मार्ट मीटर से जुड़ी हुई है। नई तकनीकि बेस्ड स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को रीडिंग के झंझट से तो मुक्ति मिलेगी ही साथ ही बिजली बकाया जमा करने के बाद कनेक्शन भी तुरंत चालू हो जाएगा। वहीं उपभोक्ता परिषद की ओर से मांग उठाई गई कि पोस्टपेड उपभोक्ताओं की जमा सिक्योरिटी को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उनके बिलों में समायोजित किया जाए। इसके साथ ही जिन परिसरों पर बिजली बकाया है, उनके यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने पर किश्तों में भुगतान की सुविधा दी जाए।

4जी बेस्ड स्मार्ट प्रीपेड मीटर

उपभोक्ता परिषद की लंबी लडाई के बाद अंतत: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में सहमति बन गई है। जिसमें साफ है कि एक जुलाई 2022 से उत्तर प्रदेश में लगने वाला स्मार्ट प्रीपेड मीटर केवल 4 जी आधारित नई तकनीकी का ही होगा। वहीं प्रदेश में लगे 12 लाख पुरानी तकनीकि के स्मार्ट मीटर नई तकनीकी में कंवर्ट किए जाएंगे।

भार जंपिंग का आया था मामला

वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा लगाए जा रहे 40 लाख स्मार्ट मीटर जिस पर भार जंपिंग (बत्ती गुल) का मामला सामने आने पर उपभोक्ता परिषद की ओर से तत्काल नई तकनीकि के मीटर लगाए जाने की मांग उठाना शुरू कर दिया गया था। प्रदेश में लगे लगभग 12 लाख पुरानी तकनीकी के स्मार्ट मीटर को बदलने की भी मांग उठाई जा रही थी। अब पावर कारपोरेशन एवं भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय के बीच आपसी सहमति के बाद अब यह मामला साफ हो गया है कि 1 जुलाई 2022 से उत्तर प्रदेश में अब केवल एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही 4 जी आधारित तकनीकी के लगाए जाएंगे।

3665 करोड़ सिक्योरिटी जमा

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि जब पूरे प्रदेश में उच्च तकनीकी के 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगना शुरू होंगे तो पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों के सामने दो बड़ी समस्या आएंगी। पहली समस्या यह कि प्रदेश के तीन करोड़ पोस्टपेड उपभोक्ताओं द्वारा बिजली कनेक्शन लेते वक्त जो कुल लगभग 3665 करोड़ की सिक्योरिटी जमा की गई है, उसे समायोजित करना होगा। दूसरी समस्या यह है कि जिन बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन पर बिजली का बकाया है, जब उनके संयोजन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा तो उसके लिए यह कदम उठाना होगा कि जो बिजली बकाए का भुगतान ना करें, उन्हें उनके बकाए के अनुसार अधिकतम 10 किश्तों में भुगतान की व्यवस्था बनवाई जाए। पावर कॉर्पोरशन प्रबंधन का कहना है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि किसी भी उपभोक्ता को कोई समस्या ना उठानी पड़े।