10 करोड़ व्यय नई सड़कों के निर्माण पर

15 करोड़ व्यय सड़कों के मेंटीनेंस पर

10 करोड़ व्यय रोड कटिंग में

176 करोड़ व्यय किए जाने का लक्ष्य 21-22 में

- राजधानी की कई सड़कों की कंडीशन बेहद खराब

- हर साल लाखों खर्च होते, फिर भी सड़कों की स्थिति जस की तस

LUCKNOW राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों लेकिन हकीकत यह है कि कागजों में स्मार्ट बन चुके शहर में सड़कों की हालत बेहद खराब है। हर साल नई सड़कों के निर्माण और पुरानी सड़कों के मेंटीनेंस में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, फिर भी सड़कों की हालत जस की तस बनी हुई है। पूरे शहर में हर जगह गड्ढा युक्त तस्वीरों को आसानी से देखा सकता है। हैरानी की बात यह है कि जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदारों की ओर से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

हम दिखाएंगे हकीकत

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के अभियान गड्ढों भरी राह के माध्यम से हम आपको हर दिन किसी न किसी इलाके की बदहाल तस्वीर के बारे में बताएंगे और यह भी जानकारी देंगे कि सड़क कितनी बार बनी या नहीं बनी और जिम्मेदारों का क्या रोल रहा।

मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं

वार्डो में तो नगर निगम की ओर से समय-समय पर सड़कों का मेंटीनेंस कराया जाता है लेकिन कुछ ही दिन बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। इसके बाद बदहाल सड़कों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।

रोड कटिंग भी समस्या

वार्डो में रोड कटिंग भी एक प्रमुख समस्या बनी हुई है। प्राइवेट कंपनियां नगर निगम से परमीशन लिए बिना ही रोड कटिंग कर देती हैं और दोबारा मेंटीनेंस नहीं कराती हैं। जनता की ओर से इस संबंध में शिकायत तो की जाती है लेकिन नतीजा सिफर रहता है।

176 करोड़ का बजट

राजधानी की सड़कें बेहतर हों, इसके लिए शहर सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 176 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है। इस राशि में नाली और नाला निर्माण भी शामिल है।

कैसरबाग में स्थित बेहद डरावनी

अगर आप कैसरबाग के बीएन वर्मा रोड से गुजर रहे हैं तो जरा संभलकर। यहां पर रोड पर कई गड्ढे हैं, जिनकी चपेट में आने से अक्सर वाहन सवार गिरकर घायल हो जाते हैं। बारिश होने के कारण इनमें पानी भर गया है, जिससे स्थिति और भी खतरनाक हो गई है। बुधवार को एक सवारी गाड़ी गड्ढे में जाकर पलट गई। संयोग से कोई हताहत तो नहीं हुआ लेकिन जाम लग गया। हैरानी की बात तो यह है कि कैसरबाग एरिया को सबसे पहले स्मार्ट बनाया जाना है और यहां पर कई स्मार्ट योजनाएं संचालित भी हैं। इसके बावजूद यह एरिया स्मार्ट बनता नजर नहीं आ रहा है।

कई इलाकों में स्थिति खराब

इंदिरानगर, महानगर, अलीगंज, आशियाना, आलमबाग, फैजुल्लागंज समेत कई इलाके ऐसे हैं, जहां बदहाल सड़कों की समस्या सामने आई है।

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आउटर एरिया में सड़कें नहीं

शहर के आउटर एरिया (नगर निगम वार्ड) की बात करें तो सरोजनी नगर समेत कई इलाके ऐसे हैं, जहां सड़कें है ही नहीं। एक दो सड़कें हैं भी तो उनकी कंडीशन बेहद खराब है। जिसकी वजह से लोग परेशान हैं।

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बारिश में स्थिति खराब

बारिश होने पर तो स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है। सड़कों पर बने गढ्डों में पानी भर जाता है, जिसकी वजह से आए दिन वाहन सवार गिरकर घायल होते हैं। इसके बावजूद सड़कों के मेंटीनेंस की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जिससे स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है।

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अगर आपके एरिया या मोहल्ले में कोई बदहाल सड़क हो तो डीजे आईनेक्स्ट के वाट्सएप नंबर 7570045111 पर अपने नाम के साथ शेयर करें।