लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों की ओर से स्टूडेंट्स से वाइवा के नाम पर पैसा वसूली के आरोप का मामला सामने आया है। स्टूडेंट्स का आरोप है कि कॉलेज बीकॉम थर्ड ईयर छठे सेमेस्टर के स्टूडेंट्स से 500 से लेकर 1000 रुपये तक वायवा फीस के नाम पर वसूल रहा है, जबकि नियम के मुताबिक इस तरह की कोई फीस कॉलेज वसूल नहीं कर सकता। स्टूडेंट्स ने ट्विटर पर एलयू के कुलपति प्रो। आलोक कुमार राय को टैग करते हुए इन कॉलेजों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए इनकी मान्यता रद्द करने की गुहार लगाई है।

500 रुपये ली है फीस

शहर के एक निजी कॉलेज में पढऩे वाली बीकॉम सिक्स्थ सेमेस्टर की एक स्टूडेंट ने बताया कि उसके कॉलेज ने एग्जामिनेशन फॉर्म के साथ वाइवा वोसी की भी रसीद काटते हुए 500 रुपये बीकॉम वायवा के लिए हैं। यह फीस न देने पर वाइवा देने नहीं दिया जाएगा, ऐसे में फीस सबमिट करनी पड़ी। वहीं, काकोरी के एक डिग्री कॉलेज में पढऩे वाले छात्र ने बताया कि उससे भी प्रैक्टिकल व वाइवा के लिए एक हजार रुपये लिए गए हैं। जो स्टूडेंट्स यह रकम नहीं देते उन्हें फेल कर दिया जाता है। कई कॉलेजों में तो यह रकम पांच से छह हजार रुपये तक है।

आसपास के जिलों से भी आ रहीं शिकायतें

वाइवा व प्रैक्टिकल के नाम पर राजधानी के कॉलेजों के अलावा आसपास के जिलों से भी स्टूडेंट्स से अच्छी खासी रकम वसूली जा रही है। एक स्टूडेंट से मिली जानकारी के मुताबिक, रायबरेली के एक कॉलेज से स्टूडेंट्स से बीएड प्रैक्टिकल वाइवा एग्जाम के नाम पर पांच हजार रुपये तक फीस ली गई है, जिसकी कॉलेज रसीद भी नहीं देता।

अगर स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में इसकी शिकायत करते हैं, तो जांच कराकर उचित एक्शन लिया जाएगा।

-प्रो। दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रवक्ता, एलयू