- अभी तक अनुमानित करीब 13 करोड़ रुपए का हो चुका है भुगतान

- राजधानी के एडेड स्कूलों में मृत पदों पर कई गई है इनकी नियुक्ति

LUCKNOW : लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत 89 शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त कर उनसे रिकवरी का आदेश जारी हो चुका है। अब इनसे वेतन के रूप में किए गए भुगतान की रिकवरी होगी। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी करने की पुष्टि हुई है। निदेशालय के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र लिखकर कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया है। निदेशालय ने जिला विद्यालय निरीक्षक से इन सभी नियुक्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव मांगा था, जिस पर 23 नवंबर को निदेशालय ने निर्णय लेते हुए आदेश जारी कर दिया।

मृतक आश्रित पदों पर की गई थी नियुक्ति

ये सभी नियुक्तियां शहर के सरकारी सहायता प्राप्त बालिका विद्यालयों में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय धीरेन्द्र नाथ सिंह के कार्यकाल में करीब तीन साल पहले की गई थीं। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा 16 ई 10 के तहत इन सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश ि1दए गए हैं।

नौकरी बांटने के लिए हुआ खेल

इस पूरे प्रकरण की जांच अपर शिक्षा निदेशक राजकीय स्तर पर की गई है। जांच में नियमों की अनदेखी कर नियुक्तियां करने की पुष्टि हुई है। जांच में पाया गया है कि कई विद्यालयों में शिक्षकों के पद मृत होने के बाद भी नियुक्तियां कर दी गईं।

करीब 13 करोड़ की रिकवरी

अभी तक इन शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में करीब 13 करोड़ का भुगतान करने की उम्मीद जताई जा रही है। डीआईओएस प्रथम के कार्यालय से बीते जनवरी में इसका आकलन करीब 11.25 करोड़ किया गया था। अब यह बढ़कर 13 करोड़ तक होने की उम्मीद जताई जा रही है।

भर्ती के नियमों में छेड़छाड़ भी किया गया

शहर के सभी सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियम विरूद्ध नियुक्तियां की गई। शिक्षकों की नियुक्तियों में गड़बड़ी के खुलासे के बाद विभाग ने लंबी जांच के बाद कार्रवाई की है। राजधानी में करीब 98 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का संचालन किया जाता है। डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने अभी 89 शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्तियां मृत हो चुके पदों पर करने का खुलासा किया है। इनमें से ज्यादातर अल्पसंख्यक एडेड स्कूल इसके अलावा अन्य स्कूलों में पिछले 15 वर्षो में 500 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई हैं। आशंका है कि भर्ती में नियमों के साथ छेड़छाड़ की गई है।

मृत हो चुके पदों पर नियुक्तियां कर किया गया खेल

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन सरकारी देती हैं। एक निर्धारित समय सीमा में पद खाली रहने पर उसे मृत घोषित कर दिया जाता है। उसके बाद उस पर नियुक्ति के लिए पहले निदेशक की अनुमति लेनी होती है। पूर्व डीआईओएस सेकंड डीएन सिंह के कार्यकाल में करीब एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों में ऐसे मृत पदों पर अनियमित नियुक्तियां की गई थीं। शिकायत के बाद शासन ने डीएन सिंह को निलंबित कर दिया था। साथ ही उच्च स्तरीय जांच समिति भी बैठाई। शासन के संयुक्त सचिव ने इस पर रिपोर्ट मांगी थी।

इन स्कूलों में नियुक्तियों में हुआ खेल

- गुरुनानक ग‌र्ल्स इंटर कॉल

- तालीम-गाह-ए-निसवां ग‌र्ल्स कॉलेज

- करामत हुसैन मुस्लिम ग‌र्ल्स कॉलेज

- सिंधी विद्यालय ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- यशोदा रस्तोगी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- विद्या मंदिर ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- खुनखुन जी ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- स्वतंत्र ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- जनता ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- कस्तूरबा ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज

- भारतीय बालिका इंटर कॉलेज

- ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज मुफ्तीगंज