लखनऊ (ब्यूरो)। हजरतगंज के वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट के मलबे में दबे लोगों को 17 घंटे तक लगातार रेस्क्यू कर निकाला गया। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने मलबे में दबे 16 लोगों को निकाला, जिसमें 14 की जान बचाई जा सकी, जबकि दो महिलाओं की मलबे में दबकर मौत हो गई। पांच मंजिला इमारत के मलबे को हटाने का काम अभी भी जारी है, अब पोकलेन मशीन से मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया गया। पुलिस कमिश्नर ने मलबे में किसी जिंदा व्यक्ति के होने की संभावना से इंकार किया है, जबकि मलबे में और लोगों के मिलने की संभावना जताई जा रही हैै। उधर, हजरतगंज पुलिस ने अलाया अपार्टमेंट बनाने वाले बिल्डर समेत तीन के खिलाफ गंभीर धारा में एफआईआर दर्ज कर बुधवार को एक आरोपी को मेरठ से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। बिल्डिंग गिरने व उसकी गुणवत्ता की जांच लिए सीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई हैै।

17 घंटे लगातार चला रेस्क्यू ऑपरेशन

पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट ताश के पत्तों की तरह गिरकर पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया। उसके नीचे कई लोगों के दबे होने की आशंका है। पर मंगलवार रात 7 बजे से पुलिस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लगातार 17 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान टीम ने 14 लोगों की जिंदगी बचाकर उन्हें सुरक्षित निकाला और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। बुधवार सुबह से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबे में दबी दो महिलाओं को निकाल कर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। दोनों महिलाएं रिश्ते में सास व बहू थीं, जिनकी पहचान जीशान हैदर की मां बेगम अमीर हैदर (73) और उनकी पत्नी उजमा हैदर (37) के रूप में हुई।

थर्मल इमेज व ट्रैकर डॉग की ली मदद

दोपहर एक बजे के बाद मलबे में दबी बेगम अमीर हैदर व उजमा का शव मिलने के बाद एनडीआरएफ ने ड्रिल मशीन से मलबे में होल करके थर्मल इमेज व ट्रैकर डॉग को नीचे उतार कर अंदर फंसे लोगों के बारे में जांच पड़ताल की। ट्रैकर डॉग ने एक व्यक्ति के फंसे होने के संकेत दिए। जिंदा व्यक्ति की तलाश के लिए धड़कन मापने वाली मशीन को चेक किया गया। पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने बताया कि दोपहर तीन बजे के बाद जांच पड़ताल के बाद मलबे में किसी जिंदा व्यक्ति के होने की संभावना नहीं है। हालांकि, मलबे में अन्य लोगों के दबे होने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता। मलबा हटाने के बाद स्थिति साफ होगी।

पोकलेन मशीन से मलबा हटाया

पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर के अनुसार, दोपहर तीन बजे के बाद टेक्निकल जांच के बाद जब एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने स्थिति साफ कर दी कि मलबे के नीचे कोई व्यक्ति जिंदा नहीं है, इसके बाद पोकलेन मशीन से मलबे को हटाने का काम शुरू किया गया। एक-एक फ्लोर से मलबा हटाकर सभी जगहों पर जांच पड़ताल की जाएगी, ताकि कोई अन्य व्यक्ति वहां दबा न हो। पूरा मलबा हटाने में 24 से 36 घंटे का समय लग सकता है। इससे पहले पोकलेन मशीन से मलबा हटाने का काम इसलिए नहीं किया गया क्योंकि उससे बड़े पत्थर टूटने से नीचे फंसे लोगों की जान को खतरा हो सकता था। पोकलेन का यूज कर मलबा हटाकर वहां के रहने वाले लोगों की संपत्ति को भी सुरक्षित निकालने का काम शुरू किया गया।

बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज, एक गिरफ्तार

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अलाया अपार्टमेंट गिरने के मामले में हजरतगंज थाने में बिल्डर समेत तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। हजरतगंज कोतवाली के सीनियर सब इंस्पेक्टर दया शंकर द्विवेदी की तहरीर पर सपा नेता शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश शाहिद, मोहम्मद तारिक और फहद याजदानी के खिलाफ हादसे में दो मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या के साथ आईपीसी की धारा 308, 323, 420, 120बी और 7 सीएलए में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने बुधवार सुबह मेरठ देहली रोड निवासी सपा नेता शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश मंजूर को गिरफ्तार किया कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

अलाया अपार्टमेंट ढहने के मामले में बिल्डर समेत तीन के खिलाफ गंभीर धारा में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, दो की तलाश जारी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की पांच टीमें बनाई गई हैैं। अभी तक की जांच में मलबे में किसी जिंदा व्यक्ति के होने की संभावना नहीं है। फ्लोर वाइज मलबे को हटाने का काम किया जा रहा है।

-एसबी शिरडकर, पुलिस कमिश्नर लखनऊ