लखनऊ (ब्यूरो)। हजरतगंज की वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट के जमींदोज होने के साथ-साथ वहां रह रहे तमाम लोगों के कई सपने भी मिट्टी में मिल गए। लोगों की जिंदगी भर की कमाई उस हादसे ने निगल ली। उनकी घर-गृहस्थी का पूरा सामान छिन गया। ऐसे में, अब किसी को अपनी बेटी की शादी की चिंता हो रही है, तो किसी को ऐसा सदमा लगा है कि वापस उसी जगह दोबारा रहने को बोल रहा है, जबकि वहां केवल मलबा ही शेष रह गया है। लोग अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। उनको अब आखिरी उम्मीद सरकार से ही दिख रही है।

हमारे दो फ्लैट थे

हादसे में घायल हुईं अफरीन फातिमा रुंधे गले से बताते हुए बोलीं, 'मेरी शादी 2021 में हुई थी। मैं तब से वहां रह रही थी, जबकि ससुराल वाले वहां 2012 से थे। हमारे दो फ्लैट चौथे फ्लोर पर थे। एक फ्लैट में मैं और मेरे पति जबकि दूसरे में मेरे सास-ससुर और जेठ का परिवार रहता था। हादसे के वक्त मैं और मेरी मेड एक फ्लैट में और सास-ससुर दूसरे में थे। बिल्डिंग चिटकने की आवाज आई और हमारे सिर पर गिर पड़ी। किचन की स्लैब और सिंक व दूसरी दिवार थी, उसी के बीच में मैं फंसी थी। करीब 12 घंटे तक मैं वहां फंसी रही।'

जिंदगी भर की कमाई चली गई

अफरीन आगे बताती हैं कि उनके परिवार की जीवन भर की कमाई चली गई। पहला फ्लैट करीब 55 लाख और दूसरा करीब 45 लाख का था। नए फ्लैट की शुक्रवार को रजिस्ट्री होनी थी। अभी उस फ्लैट का कामकाज चल रहा था। पर उससे पहले ही सब तबाह हो गया। हादसे ने उनका सपना और भविष्य दोनों छीन लिया है। वह कहती हैं, 'मेरे सास-ससुर सदमे में चले गये हैं। वे बार-बार उसी घर में जाने की बात कर रहे हैं। पर उनको कौन समझाए कि अब वहां कुछ नहीं है। अब हमारे पास कोई ठिकाना नहीं है। पैसे, ज्वेलरी, कपड़े और घर का सामान आदि का कुछ पता नहीं है। फिलहाल तो हम लोग मेरी मां वसीम फातिमा के यहां रहने जा रहे हैं, क्योंकि सिर छुपाने के लिए और कोई जगह नहीं है। सरकार से ही कुछ उम्मीद है।' वहीं, उनकी मां ने बताया कि अभी कुछ समय पहले ही बेटी की डिलीवरी हुई थी। पर बच्चा बच नहीं सका। ऐसे में, वह एक गम से बाहर आ न सकी थी कि दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनसे अपनी बेटी की हालत देखी नहीं जा रही है।

बेटी की शादी की चिंता हो रही

वहीं, घायल रंजना अवस्थी ने बताया कि वह 2010 से उस फ्लैट में रह रही थीं। उनका कहना था, 'अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जहां घर था वहां जाऊंगी ताकि देख सकूं कि कुछ बचा है कि नहीं। मेरी जिंदगी की पूरी कमाई इस हादसे में चली गई। मेरे पति नहीं हैं। सबकुछ मुझे ही देखना है। इस साल मार्च-अप्रैल में बेटी की शादी करने के बारे में सोच रही थी। पर हादसे ने सपनों को तोड़ दिया है। बेटी की शादी को लेकर चिंता हो रही है। हमारा कोई नहीं है। अब कहां जाएंगे, इसको लेकर भी चिंता है। सरकार से मुआवजा चाहिए, ताकि आगे की जिंदगी गुजर हो सके।'