- इदारा ए शरइया, दारुल इफ्ता वल कजा फिरंगी महल ने किया ऐलान

- हेल्पलाइन पर रोजेदार पूछ रहे सवाल

LUCKNOW: मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली अध्यक्ष इदारा ए शरइया, दारुल इफ्ता वल कजा फिरंगी महल ने बताया कि इस बार 50 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से सदका ए फितर अदा करना होगा। फितरा रमजान के रोजे की कमी को पूरा करने के लिए या जान के सदके के तौर पर ईद उल फितर के दिन या पहले या बाद में दिया जा सकता है। सदका ईद उल फितर हर साहिब ए निसाब के ऊपर उसकी जि़म्मेदारी में सभी छोटे बड़े परिवार के सदस्य की तरफ से दिया जाएगा। सदका ईद उल फितर इस्लाम के इतिहास में जकात से पहले वाजिब हुआ। सदका ईद उल फितर गरीबों मोहताज या मदारिस के गरीब बच्चों या अपने गरीब रिश्तेदारों को देना ज्यादा बेहतर है। सभी मुसलमानों से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा सदका ए फितर का एहतमाम करने और ईद उल फितर से पहले ही उसे जरूरतमंद के साथ गरीबों तक पहुंचाने की कोशिश करें ताकि सभी अमीर गरीब की जरूरत वक्त रहते पूरी हो सके।

रोजा एक अजीम इबादत

इस्लाम की बुनियाद पांच चीजों ईमान, नमाज, जकात, रोजा और हज है। रोजा एक ऐसी अजीम इबादत है कि जिसमें इंसान के पास रुपये-पैसा, खाने पीने का समान होने के बावजूद भी, सहरी के वक्त के बाद से इफ्तार के वक्त तक कुछ न खा सकता। न पी सकता और न ही कोई भी गैर शरई या गैर इस्लामी काम कर सकता है। रोजेदार को इस पूरे मुबारक महीने में अपने नफ्स को और अपनी ख्वाहिशात को अपने काबू में रखने की ट्रेनिंग दी जाती है। एक रोजेदार अल्लाह के वास्ते अपनी ख्वाहिशों और लज्जतों को कुर्बान करता है इसलिए अल्लाह ने इसका सवाब भी सबसे निराला और बहुत ज्यादा रखा है। रोजेदार को अल्लाह अपनी बरकतों और रहमतों से मालामाल करता है। रोजे का एक खास फायदा ये है कि इसकी वजह से रोजेदार में तकवा (अल्लाह का डर) और परहेजगारी की खूबी पैदा होती है और अपने ख्वरहिशात पर काबू पाने की ताकत आती है। रूह की तरक्की और तरबियत होती है। इसी तरह अगर कोई इंसान रोजे तो रखे, लेकिन झूठ भी बोले, गाली भी दे, दूसरे इंसानों को तकलीफ भी पहुंचाये तो उसका ये रोजा उसके कोई काम नहीं आने वाला है।

सुन्नी सवाल.जवाब

सवाल । क्या इंजेक्शन लगवाने से जो खून निकलता है, इससे वुजू टूट जायेगा।

जवाब । इंजेक्शन से बहुत मामूली खून निकलता है इसलिए इससे वुजू नहीं टूटेगा, लेकिन अगर इंजेक्शन का मकसद खून निकालना और खींचना हो तो उसकी वजह से वुजू टूट जायेगा।

सवाल । स्पंज वगैरा के गद्दों पर नमाज पढ़ना कैसा है।

जवाब । स्पंज के गद्दे इतने नरम और मोटे हों कि नाक और पेशानी (माथा) का टिकाव न हो तो सही नहीं है।

सवाल । इंट्रस्ट (सूद) की रकम को बैंक से निकाल लेना चाहिए या उस रकम को बैंक में ही छोड़ देना चाहिए।

जवाब । बैंकों से मिलने वाली सूदी रकम को बैंको में न छोड़ा जाये बल्कि उसे निकाल कर बगैर सवाब की नियत से गरीबों, फकीरों और लोगों की भलाई के कामों में खर्च किया जाये।

सवाल । लाउड स्पीकर की वजह से कई अजानें सुनाई देती हैं तो उनमें से किसका जवाब देना चाहिए।

जवाब । जब कई बार अजानों की आवाज सुनायी दे तो पहली अजान का जवाब देना चाहिए। चाहे उसकी मस्जिद के मुअज्जिन की आवाज हो या दूसरे मोहल्ले की मस्जिद की आवाज।

सवाल । किसी शख्स के अलग से हाथ या पैर लगा हुआ है तो क्या वुजू में उनको धुलना जरूरी है।

जवाब । अगर यह हिस्से इस तरह लगाये गए हैं कि उनको अलग नहीं किया जा सकता है तो उनको धुलना जरूरी है और अगर अलग किये जा सकते हैं तो सिर्फ जिस्म के हिस्सों को धुलना जरूरी होगा।

शिया सवाल.जवाब

सवाल । क्या रोजा की हालत मे नामहरम द्वारा अल्ट्रासाउंड कराया जा सकता है।

जवाब । इसमें कोई हर्ज नही है। रोजा सही है।

सवाल । अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर रोजा तोड़ दे तो उसकी सजा क्या होगी।

जवाब । जो व्यक्ति बेगैर किसी वजह के रोजा तोड़े जानबूझकर उसको कफ्फारा देना होगा या साठ रोजा रखेगा या साठ गरीब मोमिन को खाना खिलाएगा या गुलाम आजाद करेगा।

सवाल । जुमा की नमाज के लिए शर्त क्या है।

जवाब । जुमा की नमाज के लिए शर्त यह है कि कम से कम पांच लोग हों और दो जुमों की नमाजों में 5 किलोमीटर का फासला हो।

सवाल । क्या जकात किसी जरूरतमंद गैर मुस्लिम को दी जा सकती है।

जवाब । जकात गैर मुस्लिम को दी जा सकती है। जब वह इस्लाम की तरफ रागिब हो।

सवाल । अगर मुसाफिर एतेकाफ करना चाहे तो क्या हुक्म है।

जवाब । मुसाफिर एतेकाफ नहीं कर सकता है। एतेकाफ में रोजा रखना शर्त है।

फैमिली कोट

हम लोगों की रक्षा करें अल्लाह ताल्हा

माहे रमजान हम लोगों को मौका देता है कि हम लोग खुदा की इबादत करते हुये अपने गुनाहों की माफी मांगे ताकि वो अपने बंदों को जहन्नुम की आग से बचाये। ऐसे में पूरे परिवार के साथ हम लोग रोज यहीं दुआ करते है कि अल्लाह ताल्हा हम लोगों की रक्षा करें।

। मो। उजेर

इस समय हर कोई कोरोना वायरस की वजह से डरा हुआ है। ऐसे में खुदा पाक से रोज यहीं दुआ करते है कि वो अपनी पनाहों में हम सब को सुरक्षित रखें और जल्द से जल्द से यह संकट दूर हो ताकि दोबारा हर चेहरे की रौनक लौट सके और लोग अपनी पहले वाली जिंदगी दोबारा जी सकें।

सोमवार

सुन्नी हेल्पलाइन

लोग अपने सवालात दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान इन नंबरों 9415023970 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 और Email: ramzanhelpline.2005@gmail.com WWW.farangimahal। पर सवाल पूछ सकते हैं।

शिया हेल्पलाइन

महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 6386897124 है जबकि शिया हेल्पलाइन के लिए सुबह 10 से 12 बजे तक 9415580936, 9839097407 नंबर पर संपर्क करें।