- डीजीपी से मुलाकात कर की निष्पक्ष जांच की मांग

- पति को ओछी राजनीति के चलते साजिश के तहत फंसाने का लगाया आरोप

- पीडि़ता के पिता के साथ मारपीट पर दी अजब दलील, कहा मारपीट नहीं समर्थकों को रोक रहे थे अतुल सिंह

 

'बिना सुबूत बना दिया बलात्कारी'
उन्नाव गैंगरेप व पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले की जांच के लिये गठित एसआईटी टीम मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उन्नाव पहुंची। वहीं, दूसरी तरफ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सिंह अपने परिवार की अन्य महिलाओं व करीबी रिश्तेदार विधायक शैलेश सिंह 'शैलू' के साथ डीजीपी ओपी सिंह से मिलने आ पहुंची। सूत्रों के मुताबिक, डीजीपी से मुलाकात के दौरान संगीता सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पति बिना किसी जांच, बिना किसी सुबूत बलात्कारी करार दे दिया गया। इसलिए, पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। संगीता सिंह ने रेप का आरोप लगाने वाली पीडि़ता और पति कुलदीप सिंह सेंगर का नार्को टेस्ट कराने की मांग की.
परिवार जनता की सेवा में जुटा

डीजीपी से मुलाकात केबाद मीडिया से मुखातिब होते हुए संगीता ने कहा कि उनका परिवार बीते कई साल से उन्नाव और उन्नाव के लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। ओछी राजनीति के चलते साजिश के तहत उनके पति और परिवार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पति पर रेप के आरोप में पैरवी करने पहुंची विधायक की पत्‌नी ने कुलदीप सिंह सेंगर और पीडि़ता के नार्को टेस्ट की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके पति पर गैंगरेप का आरोप झूठा है और नार्को टेस्ट से सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।

देवर का भी किया बचाव
रेप पीडि़ता के पिता की पिटाई के मुद्दे पर विधायक की पत्नी संगीता कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। जब उनसे पूछा गया कि पीडि़ता के पिता की पिटाई विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल ने की उसका बचाव वे कैसे कर सकती हैं, तो उन्होंने दलील दी कि मारपीट के दौरान अतुल ने खुद अपने समर्थकों को डांटा और मारा था। जबकि पीडि़त परिवार ने आरोप लगाया कि अतुल ने अपने गुर्गो के साथ उनके पिता को इतना पीटा कि जेल में उनकी मौत हो गई।