- मंकर संक्रांति पर्व आज, दान से मिलेगा विशेष पुण्य
LUCKNOW:सूर्य के मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाने को उत्तरायण कहा जाता है। सूर्य जिस दिन मकर राशि में प्रवेश करता है, उसे दिन को मकर संक्रांति कहते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। घरों में भी लोग स्नान-ध्यान के बाद काला तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल, लकड़ी आदि का दान करते हैं।
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सुबह 6:03 पर शुरू हो जाएगी संक्रांति
ज्योतिषाचार्य पं। प्रदीप तिवारी के मुताबिक गुरुवार को दोपहर 2:03 मिनट पर मकर रेखा को सूर्य स्पर्श करेगा। निर्णय सिंधु के अनुसार मकर की संक्रांति बीस घड़ी यानि 8 घंटा पहले 6:03 मिनट पर पूर्णकाल से शुरू हो जाएगी। इसी समय स्नान व दान का शुभ मुहूर्त है। गुरुवार रात 10 बजे तक संक्रांति का योग रहेगा।
बनेगी मक्के की खिचड़ी
मारवाड़ी समाज में मकर संक्रांति के दिन कंबल दान और मक्के की खिचड़ी बनाने का विशेष महत्व है। वहीं बंगाली समाज के लोग सूर्य उपासना के बाद मां काली को नए गुड़ की खीर और सब्जियों का भोग लगाते हैं। बंगाली समाज के तुहिन बनर्जी ने बताया कि इस दिन को पोष संक्रांति के नाम से मनाया जाता है। इस दिन समाज के लोग घरों में चावल से पकवान बनाते हैं।
निकलेगी शोभायात्रा
गुरुवार को गोमतीनगर स्थित लॉर्ड अयप्पा मंदिर में केरल से आए चेंडामेलम कलाकारों के साथ भगवान की शोभायात्रा निकाली जाएगी। भगवान का अष्टाभिषेक किया जाएगा और गणपति हवन भी होगा। आयोजन के बाद भक्तों में सब्जियों के साथ खिचड़ी का प्रसाद भी बांटा जाएगा।
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दान से मिलेगा विशेष लाभ
पं। प्रदीप तिवारी ने बताया कि संक्रांति के समय किया गया दान अक्षय दान माना जाता है। दान हमेशा गरीबों और ब्राह्मण को करना चाहिए। इस दिन तिल, लकड़ी व गर्म कपड़ों का दान विशेष महत्व वाला होता है।
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हर चीज का अपना महत्व
कामना दान
निरोगी रहने के लिए तिल का दान
समृद्धि के लिए अन्न का दान
धन प्राप्ति के लिए स्वर्ण एवं मुद्रा दान
यश एवं कीर्ति के लिए परफ्यूम का दान