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15 नवंबर तक अपलोड करना होगा संशोधित डाटा

15 दिसंबर से आवंटित होंगे सेंटर

500 से अधिक स्कूलों के डाटा में मिस्टेक

20 अक्टूबर से अपलोड होंगे संशोधित डाटा

- एसआर रजिस्टर से डीआईओएस करेंगे स्टूडेंट्स के डाटा का मिलान

LUCKNOW: यूपी बोर्ड एग्जाम में परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए अपलोड किए गए डाटा में काफी गड़बडि़यां पाई गई हैं। जिससे सेंटर निर्धारण प्रक्रिया बाधित हो गई है। जिस पर यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड प्रयागराज ने सभी जनपदों के डीआईओएस को एसआर रजिस्टर चेक कर दोबारा 15 नवंबर तक संशोधित डाटा अपलोड करने का निर्देश दिया है।

यहां 5 सौ स्कूलों में गड़बड़ी

प्राप्त सूचना के अनुसार राजधानी के करीब 5 सौ स्कूलों में एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स के डाटा में गड़बड़ी सामने आ रही है। इन स्कूलों के 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन और एग्जाम फॉर्म के डाटा में अंतर आ रहा है। गौरतलब है कि सेंटर तय करने के लिए सभी जनपदों के डीआईओएस ने अक्टूबर तक स्टूडेंट्स का डाटा अपलोड करने का आदेश दिया था। बार-बार आदेश के बाद भी स्कूलों ने डाटा अपलोड करने में काफी समय लगाया।

क्रास चेकिंग में पकड़ा

यूपी बोर्ड ने जब स्कूलों की ओर से अपलोड डाटा को क्रास चेक किया तो उसमें कई कमियां मिलीं। जिस पर बोर्ड ने सभी जनपदों के डीआईओएस को पत्र जारी कर कड़े निर्देश दिए हैं। उन्हें स्कूलों के अपलोड डाटा को एसआर रजिस्टर से जांच कर अपलोड करने का आदेश दिया गया है। पत्र में लिखा गया है कि स्टूडेंट्स के नाम की स्पेलिंग, पिता का नाम, शैक्षणिक विवरण में गड़बड़ी करने से उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है जो एक गंभीर विषय है। इससे परिषद को भी रिजल्ट बनाने में दिक्कत होगी।

अंग्रेजी और हिंदी दोनों में नाम

बोर्ड ने कहा है कि एग्जाम में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के नाम गूगल पर हिंदी सॉफ्टवेयर में भी परिवर्तित किए गए, फिर भी स्कूलों ने गलती कर दी, जो निराशाजनक है। अब संशोधनों को परिषद की वेबसाइट पर 15 नवंबर तक अपलोड किया जाएगा।

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ये भी दिए निर्देश

- सभी स्टूडेंट्स के नाम, पैरेंट्स के नाम की स्पेलिंग, डेट ऑफ बर्थ, लिंग आदि की डिटेल संशोधन कर अपलोड की जाए।

- स्कूलों से शैक्षिक विवरण संशोधन सिर्फ ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे।

- किसी भी स्टूडेंट का पूरा विवरण नहीं बदला जाएगा। ऐसा करने पर प्रिंसिपल के विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा।

- क्लास 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स का विवरण डीआईओएस की टीम जांचेगी। 15 दिसंबर तक सेंटर आवंटित कर दिए जाएंगे।