लखनऊ (ब्यूरो)। मडिय़ांव के केशवनगर इलाके में रहने वाले सिक्योरिटी सुपरवाइजर पलाश चंद्र बनर्जी (37) ने शनिवार की रात लाइसेंसी रिवाल्वर अपनी कनपटी पर सटाकर फायर करके आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस को कमरे में खून से लथपथ शव पड़ा मिला। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है।

ड्यूटी से लौटकर की आत्महत्या

इंस्पेक्टर मडिय़ांव अनिल कुमार के मुताबिक, पलाश चंद्र बनर्जी परिवार समेत सोपान इंक्लेव सेक्टर-सी प्रियदर्शिनी योजना में रहते थे। परिवार में पत्नी आरती बनर्जी, बेटा अभिनव व इशित हैं। पत्नी आरती के मुताबिक, उनके पति श्रीनाथ बिहार में सिक्योरिटी सुपरवाइजर थे। शनिवार देर रात जब वह ड्यूटी से वापस आए तो वह खाना बना रही थीं और दोनों बच्चे दूसरे कमरे में पढ़ाई कर रहे थे। इसी बीच अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। आरती जब कमरे में गईं तो देखा पलाश खून से लथपथ पड़े थे। आननफानन उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने जांच के लिए जब्त की रिवाल्वर

सोपान इंक्लेव में गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी जुट गये। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पड़ताल शुरू की। एक टीम ट्रामा सेंटर भी पहुंची, जहां से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इंस्पेक्टर अनिल कुमार के मुताबिक, पलाश सिक्योरिटी का काम करते थे। उनके पास खुद की लाइसेंसी रिवाल्वर थी, जिससे उन्होंने खुदकुशी की है। पुलिस ने लाइसेंसी रिवाल्वर को जब्त कर लिया है।

गुस्सैल स्वभाव के थे सिक्योरिटी सुपरवाइजर

इंस्पेक्टर के मुताबिक, मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पलाश तनाव में चल रहे थे। परिजनों ने अभी इस बात की जानकारी नहीं दी। खुदकुशी के कारणों की पड़ताल की जा रही है। वहीं, आस पड़ोस के लोगों के मुताबिक पलाश गुस्सैल प्रवृत्ति के थे। उन्हें गुस्सा बहुत जल्दी आता था। कई बार आस पड़ोस के लोगों से भी उनकी छोटी-छोटी बात को लेकर नोकझोंक हो जाती थी। वहीं, मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। टीम ने मौके का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए।