- पंचायत चुनाव में खपाना चाहते थे तमंचे, एक गिरफ्तार, साथी फरार

- मडि़यांव इलाके में किराए के घर में चल रही थी अवैध तमंचा फैक्ट्री

LUCKNOW: अवैध आ‌र्म्स डीलर्स ने समय के साथ अपने अवैध कारोबार को भी हाईटेक कर लिया है। अब अवैध आ‌र्म्स खरीदने व मनपसंद हथियार बनवाने के लिए डीलर के पास जाने की जरूरत नहीं बल्कि डीलर आ‌र्म्स की फोटो ऑनलाइन वाट्सअप के जरिए भेजते हैं। वाट्सअप पर फोटो व वीडियो पसंद आने पर डिमांड के अनुसार सप्लाई की जाती है। ऐसे ही एक गैंग का मडि़यांव पुलिस ने खुलासा किया है। यह गैंग पंचायत चुनाव में अपने कारोबार को फैलाने के लिए ऑनलाइन बिजनेस कर रहा था।

निर्मित व अर्ध निर्मित तमंचे और कारतूस बरामद

मडि़यांव के कमलाबाद बढ़ौली के एक घर मे करीब चार महीने से अवैध तमंचा बनाने की फैक्ट्री संचालित हो रही थी। मकान को आरोपियों ने किराए पर ले रखा था। पुलिस ने छापा मार कर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक आरोपी मौके से पुलिस को धक्का देकर भाग निकला। पुलिस ने मौके से दो तमंचा 12 बोर, एक तमंचा 315 बोर, दो तमंचा अर्ध निर्मित, पांच कारतूस, तीन खोखा समेत तमंचा बनाने वाली भट्ठी व अन्य औजार बरामद किए हैं। कमिश्नर डीके ठाकुर ने फैक्ट्री का भंडाफोड़ करने वाली पुलिस टीम को प्रोत्साहन स्वरूप बीस हजार का इनाम देने की घोषणा की है।

फरार आरोपी की तलाश जारी

डीसीपी उत्तरी रईस अख्तर ने बताया कि कमलाबाद बढ़ौली के एक घर में अवैध तमंचा फैक्ट्री संचालित होने की सूचना मिली थी। इस पर इंस्पेक्टर मडि़यांव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने शुक्रवार रात छापा मारा। मकान के प्रथम तल पर बने कमरे से एक युवक को तमंचा बनाते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया जबकि एक अन्य युवक पुलिस कर्मियों को धक्का देकर भाग निकला। पकड़े गए आरोपी की पहचान तरहिया छठामील निवासी सोनू पांडेय के रूप में हुई है। वहीं फरार युवक के बारे में पता चला कि वह लखीमपुर खीरी के सलेमपुर का रहने वाला आकाश मिश्रा है।

तीन से चार हजार में अवैध आ‌र्म्स

इंस्पेक्टर मनोज कुमार सिंह ने पकड़े गए आरोपी से पूछताछ के बाद बताया कि वह अवैध आ‌र्म्स तीन से चार हजार रुपये में बेचते थे, जिसमें 312 व 315 बोर का तमंचा होता है। वहीं 32 बोर की पिस्टल के लिए वह 8 से 10 हजार रुपये की डिमांड करते थे। आ‌र्म्स के साथ-साथ गैंग कारतूस की भी सप्लाई करता है। कारतूस के लिए यह 6 से 7 सौ रुपये प्रति कारतूस पेमेंट लेते थे।

वीडियो भेज कर पसंद कराते थे तमंचा

इंस्पेक्टर मडि़यांव मनोज कुमार सिंह के मुताबिक सोनू ने बताया कि वह आकाश के साथ मिलकर करीब चार महीने पहले इस मकान को किराए से लेकर तमंचे बनाने का काम करता था। तैयार तमंचा को वह अपने ग्राहक के मोबाइल पर वीडियो भेज कर पसंद कराता था। सौदा तय होने पर सप्लाई देता था।

मकान मालिक पर भी हो सकती है कार्रवाई

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए सोनू से पूछताछ करने पर उन लोगों की भी जानकारी मिली है, जहां से यह असलहे बनाने से संबंधित मैटेरियल को खरीदते थे। उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की जा रही है। साथ ही यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि यह लोग अब तक कितने लोगों को असलहों की सप्लाई कर चुके हैं। फरार आकाश के पकड़े जाने के बाद अपराध से जुड़े कई और लोगों के बारे में भी जानकारी हो सकेगी। जिन्हें पकड़ने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा मकान मालिक की भी भूमिका की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर मकान मालिक के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी।